जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित साइबर थाना की पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर आज जेल भेज दिया। पकड़े गए सभी अभियुक्त देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों से ठगी कर चुके हैं। पुलिस इसे एक बड़ी सफलता मान रही है। गिरफ्तार अभियुक्तों में सिदगोड़ा 10 नंबर बस्ती का रहने वाला विकास कुमार तिवारी, गोलमुरी नामदा बस्ती निवासी रविंदर सिंह, बिरसानगर प्रकाश नगर का रहने वाला दिलप्रीत सिंह व जगजीत सिंह गिल और गोलमुरी टुइलाडूंगरी निवासी रिशव भारती शामिल है। पुलिस ने इनके पास से कई एटीएम, पासबुक, चेकबुक, पैन कार्ड, आधार कार्ड जब्त किया है। गिरोह के मुख्य सरगना गोलमुरी निवासी मो आरिफ और मो अफताब के तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
एमजीएम से मेडिकल के बाद जेल जाते सभी आरोपी
हाल ही में बनाया था गैंग:
पूछताछ में इन लोगों ने कई अहम खुलासे किए हैं पुलिस ने जब इनके बैंक खातों की जांच की तो सभी के खाते में लाखों रुपए के कनेक्शन होने का पता चला। गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि सभी हाल ही में साइबर अपराध से जुड़े है। आरोपियों ने तीन माह में करीब 500 लोगों के खाते से ठगी कर अपने अपने बैंक खातो में लगभग 2 करोड़ 12 लाख 67 हजरत रुपए का ट्रांजक्शन किया है। पुलिस ने सभी आरोपियों के बैंक एकाउंट को फ्रीज करवा दिया है। जानकारी के अनुसार आरोपी विकास कुमार तिवारी ने अपने खाते में 84 लाख, रिशव भारती ने अपने खाते में 67 लाख, सविंदर सिंह ने अपने खाते में 33 लाख, दिलप्रीत सिंह ने अपने खाते में 24 लाख, से ज्यादा रुपए का ट्रांजेक्शन किया है। बताया जा रहा है कि इस गिरोह का सरगना गोलमुरी के आरिफ ने ही सभी को साइबर अपराध की दुनिया में लाया। मोटी कमी का लालच देकर एक-एक कर सभी को उसने अपने गिरोह में शामिल कर लिया।
पुलिस की जांच में हुआ खुलासा:
सिदगोड़ा के बारीडीह निवासी द्वारिका विश्वास के खाते से 26 अगस्त को साइबर ठगों ने 5.41 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली थी। द्वारिका विश्वास में साइबर थाना में 5 नवंबर को इस सम्बन्ध में एक मामला दर्ज करवाया। उसने अपने एक दोस्त कुलजीत सिंह पर संदेह जताते हुए पैसे निकासी करने का आरोप लगाया। पुलिस को उसने बताया कि पहले तो कुलजीत ने उसे नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर एक बैंक अकाउंट खुलवाया और उसके सारे दस्तावेज की विस्तृत जानकारी लेकर उनके अकाउंट से से पैसों का ट्रांजैक्शन कर लिया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने कुलजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो पुरे मामला परत दर परत खुलता चला गया। पुलिस ने इस मामले में 6 नवंबर को ही कुलजीत को गिरफ्शतार कर जेल भेज दिया। वहीं, छानबीन करने के बाद इस गिरोह में शामिल पांच अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार फरार अभियुक्तों के लिए छापेमारी की जा रही है।