जमशेदपुर : लायंस क्लब ऑफ जमशेदपुर प्रीमियम और अग्रवाल युवा मंच के सयुंक्त तत्वाधान आगामी 21 जुलाई शुक्रवार की शाम चार बजे से कजरी तीज व सिंधारा का आयोजन किया जा रहा है. साकची के अग्रसेन भवन में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में महिलाओं के लिये झूला लगाया जा रहा है. लायंस क्लब की अध्यक्ष नेहा चौधरी ने बतलाया कि महिलाओं के लिये मेहंदी और विभिन्न शृंगार की व्यवस्था की गई है. सोलह ऋंगार के साथ महिलाएं रैंप वॉक करेंगी. तम्बोला के साथ अन्य कई तरह के गेम्स का आयोजन किया जा रहा है. लायंस की सचिव ममता मूनका ने बतलाया कि सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा पर पुरस्कार दिये जाएंगे. चूड़ी, चूरन और कई तरह के फूड स्टॉल लगाए जा रहे हैं.
सावन की थीम पर सजेगा आयोजन स्थल
आयोजन स्थल की सजावट सावन थीम पर की जा रही है. ड्रेस कोड के लिये हरा, नीला, पीला और रानी रंगों का निर्धारण किया गया है. लायंस की कोषाध्यक्ष सपना भाऊका ने बताया कि कार्यक्रम में लायंस क्लब ऑफ जमशेदपुर प्रीमियम, पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन और अग्रवाल युवा मंच की कोई भी महिला सदस्य भाग ले सकती हैं. सदस्याओं के अलावा अन्य राजस्थानी महिलाओं को भी आमंत्रित किया जा रहा है, लेकिन इंट्री केवल प्रवेश पत्र के द्वारा मान्य होगी. प्रवेश पत्र कार्यक्रम संयोजिकाओं से प्राप्त किये जा सकते हैं. बिष्टुपुर में मनीषा मुरारका, काशीडीह में रजनी बंसल, साकची में अंजू चेतानी, आदित्यपुर में ममता मूनका, जुगसलाई में सपना भाऊका, नेहा चौधरी, गोलमुरी में रूपा अग्रवाल, मानगो में निधि अग्रवाल एवं रश्मि झाझरिया के पास प्रवेश पत्र उपलब्ध हैं. अग्रवाल युवा मंच की उपाध्यक्ष मनीषा मुरारका ने कहा कि हर प्रतिभागी को घेवर प्रदान किये जाएंगे. उन्होंने राजस्थानी संस्कृति और भाषा को समर्पित इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिये महिलाओं को आमंत्रित किया. सचिव रजनी बंसल ने कहा कि समाज की कुछ विशिष्ट महिलाओं को अतिथि के रुप में निमंत्रण भेजे जा रहे हैं.
कार्यक्रम को लेकर उत्साह का माहौल
इधर, इस कार्यक्रम को लेकर समाज के लोगो में उत्साह का माहौल बना हुआ है. खासकर, राजस्थानी महिलाओं में, क्योंकि उनके तीज त्योहार सावन के सुहावने मौसम से ही शुरू होते हैं. परंपराओं और विविधता से भरे अपने देश में कई तीज प्रसिद्ध है. इसमें हरियाली तीज, कजरी तीज, हरतालिका तीज भी शामिल है. हरियाली तीज हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के राज्यों में लोकप्रिय है. हरतालिका तीज छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में व्यापक रूप से मनाया जाता है. राजस्थान में इन दोनों तीज के अलावा कजरी तीज की भी धूम रहती है.
तीज के अवसर पर सिंधारा मनाने की है परंपरा
वहीं, राजस्थान में तीज के अवसर पर सिंधारा मनाने की परंपरा है. सिंधारा संस्कृत शब्द श्रृंगार से लिया गया है. सावन के महीने में महिलाओं के द्वारा किया गया ऋंगार ही सिंधारा है. महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं और शिव और पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान महिलाएं भजन व लोक नृत्य भी करती हैं. इस व्रत में मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है. दूसरे शब्दों में सिंधारा उपहारों की बाल्टी को कहते हैं. इस अवसर पर विवाहित बेटियों को मायके से उपहार भेजे जाते हैं. कपड़े, चूड़ियाँ, बिंदी और मेहंदी के साथ साथ राजस्थानी मिठाई घेवर भेजे जाते हैं. घेवर, सावन का विशेष मिष्ठान माना जाता है. यह मैदे से बना, मधुमक्खी के छत्ते के जैसा दिखाई देने वाला एक कुरकुरा और मीठा पकवान होता है.
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