जमशेदपुर : कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। शहर के अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। अस्पतालों में दाखिले के बावजूद कुछ प्राइवेट अस्पतालों का गैर पेशेवर रवैया मरीजों एवं उनके परिजनों को परेशान कर रहा है। इस संक्रमण काल में अस्पतालों का यह रवैया मानवीय नहीं है। इस संदर्भ में जिला प्रसाशन को संज्ञान लेना चहिये। यह बातें भाजपा के जिला महामंत्री अनिल मोदी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहीं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोना पीड़ित मरीज के दाखिले के बाद स्थिति में सुधार ना होने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को रेडमेसीवीर इंजेक्शन लिखा जा रहा है। जो कि जमशेदपुर क्या झारखंड के किसी भी दवा दुकान में बिक्री हेतु उपलब्ध नहीं है। यह सिर्फ अस्पतालों को उपलब्ध करवाया जाता है। ऐसे में इस इंजेक्शन को लिखने की क्या आवश्यकता है। यह समझ से परे है। इसी क्रम में मरीज की हालत ज्यादा खराब होने पर अस्पताल द्वारा इंजेक्शन लिखा जा रहा है। यह इंजेक्शन जमशेदपुर तो क्या देश के बड़े शहरों में भी बमुश्किल उपलब्ध है। परंतु अस्पताल द्वारा मरीज के परिजनों को लिख देने के कारण मरीज के परिजन इस पुर्जे को लेकर दर दर् भटक रहे है। पर इंजेक्शन उपलब्ध हो तब तो मिले। मरीज के परिजन अपनें मरीज को बचाने की खातिर आकाश पाताल एक कर देते है पर यह इंजेक्शन नहीं मिलता। बावजूद डॉक्टरों द्वारा रोज इस इंजेक्शन का लिखना जारी है। यह बेहद हास्यास्पद और दर्दनाक स्तिथि है। सरकार ने इस पर नज़र रखने हेतु क्षेत्र वार ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति की है । इस मामले में वे भी निष्प्रभावी साबित हो रहें हैं।उन्होनें कहा कि कुछ लोग आपदा में भी अवसर खोज रहे हैं यह आदर्श स्थिति नहीं है। मोदी ने साफ कहा कि यह मानवाधिकार उलंघन का भी मामला बनता है। उन्होंने जिला प्रशासन से मार्मिक अपील की है कि अस्पतालों के इस रवैये पर लगाम लगाएं ताकि आम जनता का भला हो सके।