जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित शस्त्र विक्रेता एवं जमकर्ता एटी डॉ में चुनावी प्रक्रिया के दौरान जमा किए गए हथियारों की जांच करने का आग्रह मुख्य चुनाव आयुक्त से किया गया है. इसकी प्रतिलिपि झारखंड राज्य के चुनाव पदाधिकारी, मुख्य सचिव, गृह सचिव के साथ ही जिला चुनाव पदाधिकारी सह उपायुक्त को भी भेजी गई. (नीचे भी पढ़ें)
प्राप्त जानकारी के अनुसार जमशेदपुर शहर में कई लोगों ने फर्जी कागजात के आधार पर नागालैंड से आर्म्स लाइसेंस लिया है. उसके आधार पर उन्होंने राइफल, बंदूक, रिवाल्वर अथवा पिस्टल खरीदे हैं. ऐसे लोगों की संख्या सैकड़ो में है. उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिला प्रशासन द्वारा अपने हथियारों को थाना में जमा करने के आदेश की एक तरह से अनदेखी करते हुए निजी एजेंसी के यहां जमा करवाया है. ऐसे हथियारों को जमा करने से इस निजी एजेंसी एटी डॉ के मालिक को यह फायदा है कि वह जमा करने के एवज में अच्छी रकम शुल्क के तौर पर वसूल करता है. इधर हथियार मालिकों को इस परेशानी से मुक्ति मिल जाती है कि यदि वह पुलिस थाना में जाएंगे तो हथियारों के लाइसेंस के सत्यापन करने के नाम पर उन्हें परेशान किया जा सकता है. वहीं, यह भी अंदेशा है कि ऐसे लाइसेंस फर्जी भी हो सकते हैं. यहां लाख टके का सवाल है कि आखिरकार नागालैंड प्रशासन किस आधार पर कैसे झारखंड के लोगों को हथियार के लाइसेंस इश्यू कर रहा है. यह तो जांच प्रक्रिया पूरी होने से ही पता लगेगा कि कितनों के हथियारों के लाइसेंस कानूनी रोग से वैध हैं अथवा फर्जी हैं.