जमशेदपुर : पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि उच्च न्यायालय की ओर से एक सितंबर को पुलिस अफसर रूपा तिर्की की संदिग्ध मौत प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का आदेश देकर न्याय की प्रक्रिया को जीवित रखा है। जिसे झारखंड सरकार लगता है भटकाने की कोशिश कर रही थी। इसी प्रकार की और एक संदिग्ध मौत जो महान शहीद सिदो मुर्मू (संताल बिद्रोह के नायक – 1855) के छठवीं पीढ़ी के रामेश्वर मुर्मू (12.6.2020) के मामले पर झारखंड सरकार द्वारा 26.9.2020 को सीबीआई जांच की घोषणा की गई थी। आदिवासी सेंगेल अभियान की मांग है दोनों संदिग्ध मौतें चुकी साहिबगंज जिला से सम्बंधित हैं, इसलिए पुलिस प्रशासन और सफेदपोश आदि की गठजोड़ का नतीजा हो सकता है। अतः रामेश्वर मुर्मू की लंबित सीबीआई जांच भी रूपा तिर्की के सीबीआई जांच के साथ की जाय। यह लंबित मामला महान शहीदों के प्रति अन्याय और अपमान का है। ज्ञापन की प्रतिलिपि केंद्रीय गृहमंत्री, झारखंड के राज्यपाल, सीबीआई के डायरेक्टर, झारखंड के मुख्य सचिव और झारखंड के डीजीपी को भी भेजी है।