जमशेदपुर : झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की ओर से प्रतिबंधित पिस्तौल रखने और उनकी और से अश्लील विडियो चैटिंग करने के मामले में जमशेदपुर जिला प्रशासन और झारखंड सरकार के ढुलमुल रवैये के विरोध में मंगलवार को झारखंड राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से विधायक सरयू राय मिले. इस बीच करीब आधा घंटा तक इस विषय पर चर्चा की. राज्यपाल महोदय से अनुरोध किया कि मुख्यमंत्री को निर्देश दें कि वे स्वास्थ्य मंत्री को अविलंब बर्खास्त करें.
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गलत कार्यों को मिल रहा बढ़ावा
सरयू राय ने बताया कि मंत्री के गलत कार्यों को झारखंड सरकार संरक्षण दे रही है. राजनीतिक दबाव के कारण सारे प्रमाण रहने के बाद भी अभियुक्त के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है. राज्य में कानून का शासन नहीं रह गया है. राज्य की सरकार राज्य में कानून का मजाक उड़ा रही है.
कांग्रेस पार्टी के दबाव में निर्णय लेने में सक्षम नहीं है सरकार
विधायक ने राज्यपाल को बताया कि झारखंड सरकार कांग्रेस पार्टी के दबाव में चल रही है. स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं रह गई है. यही कारण है कि मंत्री के खिलाफ जांच नहीं की जा रही है. अवैध हथियार रखने के बारे में गत 28 अप्रैल को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को सूचना दी थी. वे इसका प्रदर्शन भी सार्वजनिक स्थानों पर कर रहे हैं. एक सप्ताह का समय बीत जाने के बाद भी जमशेदपुर जिला प्रशासन और पुलिस की हिम्मत नहीं हो रही है कि वह मंत्री के यहाँ से अवैध/प्रतिबंधित हथियार जब्त करें. इससे स्पष्ट है कि प्रतिबंधित हथियार मंत्री ने जानबूझकर खरीदा है. मैंने राज्यपाल महोदय से आर्म्स एक्ट की धारा-25 को उद्धृत करते हुए कहा कि यदि पुलिस ने केस दर्ज किया और कार्रवाई किया तो स्वास्थ्य मंत्री को कम से कम सात साल की जेल की सजा होगी. सजा की अवधि 14 साल भी हो सकती है. राज्यपाल महोदय ने आश्वस्त करते हुए कहा कि वे इस बारे में सरकार से एक प्रतिवेदन मांगेंगे और उन्हें जो सूचना मिली है उससे भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भी अवगत करायेंगे.
अश्लील चैट को दबा रही है सरकार
स्वास्थ्य मंत्री की ओर से की गई अश्लील विडियो चैटिंग के बारे में जानकारी दी. बताया कि सरकार इस प्रकरण को दबाने में लगी हुई है. कांग्रेस पार्टी के नेता इस मुद्दे को उठानेवालों पर ही प्रहार कर रहे हैं. इस विषय की गहराई से जांच कराने का मांग की और कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि वह महिला कौन है जिससे स्वास्थ्य मंत्री अश्लील वार्ता कर रहे हैं. इस बीच एक महिला सामने आई और सोशल मिडिया पर स्वीकार किया कि इस विडियो में उसकी बातचीत है. वह महिला अश्लील बात अपने पति से करने का दावा कर रही है. परन्तु न तो उस महिला ने बताया कि वह कौन है और न प्रशासन ने यह पता करने की कोशिश की कि वह महिला कौन है ?
मामले की लीपापोती का लगाया आरोप
आश्चर्य है कि यह विडियो स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से जारी किया गया है और बताया जा रहा है कि वह महिला फर्जी है. यदि ऐसा है तो मंत्री का अपराध बढ़ जाता है और उनकी ओर से यह षडयंत्र करने से साबित हो रहा है कि फर्जी महिला को खड़ा करके मामले पर लीपापोती की जा रही है. ऐसी स्थिति में जमशेदपुर पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है. उन्होंने उच्चस्तरीय जांच की मांग की.
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