जमशेदपुर।
जमशेदपुर की सिख राजनीति में गुरुवार को नया मोड़ आया. तख्त साहिब पटना के हस्तक्षेप के बाद यहां चल रहे विवाद को अंततः विराम दिया गया. पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार तख्त साहिब में पांच सिंह साहिबान कि बैठक हुई, जिसमें गुरमुख सिंह मुखे और गुरचरण सिंह बिल्ला दोनों की बातें सुनी गई. उसके बाद हुकमनामा जारी किया गया कि तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर ने पहले जो भी कार्रवाई की थी. उसे रद्द कर दिया गया एवं दोनों पक्षों को मुख्य रखते हुए एक नई पांच मेंबरी कमेटी का गठन किया गया यह कमेटी सीजीपीसी का चुनाव होने तक प्रबंध चलाएगी. कमेटी में तार कंपनी इंदिरा नगर गुरुद्वारा के प्रधान अमरजीत सिंह, सोनारी के गुरुदयाल सिंह, मनीफीट के पूर्व प्रधान दलजीत सिंह दिल्ली, सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान सरदार तारा सिंह गिल एवं जुगसलाई स्टेशन रोड गुरुद्वारा के वरीय उपाध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह भाटिया को रखा गया है. गुरमुख सिंह मुख्य को सख्त हिदायत दी गई है कि प्रकाश पर्व मनाए जाने के बाद सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जमशेदपुर का चुनाव वहां के संविधान अनुसार कराएं. इस बीच दोनों पक्ष को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी तरह की बयानबाजी नहीं करेंगे. बयानबाजी करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. नगर कीर्तन होने के 2 सप्ताह के अंदर सीजीपीसी का चुनाव नहीं किया जाता है तो यह पांच मेंबरी कमेटी ही सीजीपीसी प्रबंधन चलाएगी, जिसके लिए मुखे खुद जिम्मेदार होंगे. जमशेदपुर की सिख संगत को भी अपील की गई है कि वह पांच मेंबरी कमेटी को सहयोग करें. साथ ही दोनों पक्षों के मेंबरों को सख्त हिदायत दी गई है कि आपस में किसी भी तरह की टकरार नहीं होनी चाहिए एवं मीडिया में भी बयानबाजी नहीं करेंगे.