जमशेदपुर।
सीजीपीसी संचालन समिति के सदस्य सरदार सुरजीत सिंह ने कहा कि पटना तख्त ने सीजीपीसी संचालन समिति को भंग नहीं किया है, बल्कि 20 तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगायी है. सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे उस पत्र का हवाला दे रहे हैं. वे पूर्व के दो पत्रों को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे हैं, जिसमें तख्त ने उन्हें व अंबे पर जानलेवा हमला मामले में दोषी पाया है. इसके अलावा किसी भी सार्वजनिक आयोजन में उन्हें मंच-सम्मान नहीं देने की बात कही गयी है. सिंह ने कहा कि पिछले दिनों सीजीपीसी की बैठक में जो कुछ हुआ, उसका उन्हें पछतावा है. धर्म के ठेकेदार नगर कीर्तन को बंटवारे की ओर ले गये. सीजीपीसी और संचालन समिति के वैचारिक मतभेद के चलते नगर कीर्तन की बागडोर अकाली दल जमशेदपुर को सौंपने जाने की सहमति बनी थी, जिस पर ऐनवक्त पर समाज के ठेकदार मुकर गये. सीजीपीसी द्वारा 23 को फिर बैठक बुलायी गयी है. जिला प्रशासन हस्तक्षेप कर बैठक को स्थगित कराये, ताकि कोई बड़ा विवाद नहीं हो.