जमशेदपुर।
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) का लंबित चुनाव कराने को लेकर तख्त पटना साहेब से बनाई गई पांच मेंबरी कमेटी ने कमर कस ली है. बड़े ही सुंदर माहौल में जमशेदपुर में श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन निकाले जाने और सेंट्रल दीवान आयोजित होने के बाद कमेटी ने आपसी विचार विमर्श करने के बाद शनिवास शाम चार बजे सीजीपीसी के दफ्तर में बैठक आहूत की है. बैठक में सीजीपीसी के पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान व महासचिवों को आमंत्रित किया गया है. शुक्रवार देर शाम तक पांच मेंबरी कमेटी के पदाधिकारी बचे हुए गुरुद्वारा प्रतिनिधियों को आमंत्रण देने में व्यस्त रहे, तांकि कोई भी बैठक में शामिल होने से नहीं छूटे. बैठक में आगामी प्रधान पद के चुनाव की रूपरेखा तय की जाएगी और सब कुछ ठीक ठाक रहा तो चुनावी प्रक्रिया का बिगुल फूंका जाएगा. पांच मेंबरी कमेटी के नरेंद्रपाल सिंह भाटिया, अमरजीत सिंह, गुरदयाल सिंह, तारा सिंह गिल व दलजीत सिंह दल्ली बिल्कुल न्यूटल होकर कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि किसी प्रकार का कोई विवाद खड़ा नहीं हो. अब तक के चुनावी माहौल में विपक्ष की ओर से मानगो गुरुद्वारा के प्रधान सरदार भगवान सिंह चुनाव लड़ने के लिए बहुत पहले से ही ताल ठोक चुके हैं. पिछले दिनों सीजीपीसी के कार्यकारी प्रधान सह नामदाबस्ती के प्रधान महेंद्र सिंह को भी सीजीपीसी के खेमे ने प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतार दिया है. चुनाव लड़ने के लिए एक और अहम उम्मीदवार ने भी तैयारियां शुरु कर दी है. वे पूर्व में साकची के प्रधान व वर्तमान में सीजीपीसी के वरीय उपाध्यक्ष भी हैं. वे भी संभवतः शनिवार की मीटिंग में बाद अपना पत्ता खोलेंगे और खुलकर मैदान में दिखने लगेंगे. ऐसे में सीजीपीसी का चुनाव भी इस बार कुल मिलाकर रोचक होता दिख रहा है. बहरहाल, शनिवार की मीटिंग पर सिख समाज की निगाहें बनी हुई है. मालूम हो कि सीजीपीसी की आमसभा में बवाल होने के बाद दोनों गुटों का फैसला तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहेब में सुलझाया गया था. जिसमें जत्थेदार ने निर्देशित किया था कि पांच मेंबरी कमेटी जमशेदपुर में नगर कीर्तन निकालेगी और मुखे नगर कीर्तन होने के बाद बाद 15 दिनों में चुनाव कराएंगे. सीमित समय पर चुनाव नहीं होता है तो पांच मेंबरी कमेटी सीजीपीसी प्रधान का चुनाव कराएगी. इस बीच हाईलेबल घटना घट गई और मुखे फरार घोषित हो गए. ऐसे में मुखे को दी हुई तारीख में 23 नवंबर को पूरी होनी है, इसलिए पांच मेंबरी कमेटी भी फूंक फूंक कर ही कदम रख रही थी, लेकिन अब शेष दिन रहने के कारण चुनाव कराने को लेकर तैयार हुई है.
इधर, सीजीपीसी की टीम अपने ही कार्यालय से हुई बाहर
जमशेदपुर के सिख समाज की राजनीतिक में पिछले दिनों हुई उठापटक और यौनाचार के मामले में फंसते ही प्रधान गुरमुख सिंह मुखे अंडरग्राउंड हो गए हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है. समाज को शर्मशार कर देने वाली घटना के बाद सीजीपीसी की टीम पर विरोधी खेमा लगातार हावी हो रहा है. कदमा थाना में 4 नवंबर को मामला सामने आने पर पहले सीजीपीसी कार्यालय के मेन गेट में ताला लगाया गया था. उसके बाद अब सीजीपीसी के मुख्य कार्यालय से भी बाहर हो गए हैं. उस कार्यालय में अब पांच मेंबरी कमेटी बैठ कर कामकाज निपटा रही है. इसे सीजीपीसी के पदाधिकारी गलत कार्रवाई बता रहे हैं. नाम न छापे जाने की शर्त पर एक वरीय पदाधिकारी ने बताया कि सीजीपीसी के दफ्तर में उनका वर्षों का रिकार्ड है. अगर कुछ इधर उधर हो जाता है तो वे कहां से हिसाब किताब देंगे. उन्होंने कहा कि केवल एक मुखे के दोषी हो जाने से उनके सौ मेंबर तो दोषी नहीं हो जाते हैं. वहीं, मुखे प्रकरण के बाद पदाधिकारी भी आपस में तितर बितर हो गए हैं. वैसे सबकी निगाहें मुखे की 25 नवंबर को कोर्ट की तारीख पर भी है.