जमशेदपुर।
टिनप्लेट 10 नंबर बस्ती सुखिया रोड स्थित गुरुद्वारा दुख भंजन साहिब के मुख्य सेवादार स्व. स्वर्ण सिंह उर्फ छन्नी बाबा के पार्थिव देह की अंतिम शव यात्रा बुधवार 14 सितंबर की सुबह 10 बजे निकाली जाएगी. दीन दुखियों के मसीहा के रूप में ख्याति प्राप्त छन्नी बाबा का निधन इलाज के क्रम में 12 सितंबर तो टिनप्लेट अस्पताल में हो गया था. उनके निधन से क्षेत्र में शोक व्याप्त है. शहर से दूर बसे उनके चाहने वाले भी शोक संवेदना प्रकट कर रहे हैं. बाबा जी के पार्थिव शरीर को 10 नंबर बस्ती की बस्तियों में भ्रमण कराया जाएगा. बाबा जी के शव वाहन में दो कीर्तन जत्थे कीर्तन गायन करते चलेंगे.भुइयांडीह स्वर्णरेखा बर्निंग घाट में उनकी मृतक देह को अग्निभेंट किया जाएगा. उनकी याद में अगामी 19 सितंबर को श्री अखंड पाठ साहिब दिन के 11:45 में आरंभ किया जाएगा, जिसका भोग 21 सितंबर की सुबह 10.45 बजे पड़ेगा. उपरांत सिदगोड़ा गणेश पूजा मैदान में 12:30 बजे अंतिम अरदास और कीर्तन के साथ गुरु का अटूट लंगर भी संगत के बीच वितरित किया जाएगा.
गुरु घर के सच्चे सेवादार को हम सब ने खो दियाः राजा
गोलमुरी के दस नम्बर बस्ती दुःख भंजन गुरुद्वारा साहिब के संस्थापक व मुख्य सेवादार बाबा स्वर्ण सिंह (छन्नी बाबा जी) गुरु घर के सच्चे सेवादार थे. भाजयुमो पूर्व जिला अध्यक्ष अमरजीत सिंह राजा ने छन्नी बाबा के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि वे निस्वार्थ भाव से दशकों से गुरु की सेवा करते आए और सभी को अपनी आशीष दी. छन्नी बाबा दीन दुखियारों की सदा सहायता करते रहें. आज उनका चला जाना अत्यंत ही दुख दायी है. उनके हज़ारों अनुयायी थे जिसमे बहुत से तो विदेश में रहते हैं. एक सादगी भरा जीवन व्याप्त करते हुए बाबा छन्नी ने गुरु घर की सेवा की. निस्वार्थ भाव से सभी अनुयायी के कारज सवारे हैं. मोह, माया एवं परिवार का त्याग कर उन्होंने दुख भंजन गुरुद्वारा साहिब का निर्माण किया और आयी संगत की सदा सेवा की. भाजपा नेता व बारीडीह गुरुद्वारा के ट्रस्टी अमरजीत सिंह राजा ने उनके निधन पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए बताया कि बाबा स्वर्ण सिंह (छन्नी बाबा) को वो दशकों से गुरु घर और संगत की सेवा करते देखते आ रहे हैं. सादगी भरा जीवन जीते हुए उन्होंने जरुरतमंदो की फरियाद को सदा पूरा किया है. आज के युग में ऐसे महापुरुष का चला जाना काफी दुखदायी है. बाबा जी का चला जाना सिख समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है.