जमशेदपुर।
सिख नेताओं की लड़ाई में पीस रही जमशेदपुर की सिख संगत में मायूसी है. कारण है की श्री गुरु नानक देव जी के अवतार दिवस पर 8 नवंबर को जमशेदपुर में किसकी अगुवाई में नगर कीर्तन में खलल पैदा हो गई है, लेकिन अब संगत को मायूस होने की जरूरत नहीं है. गुरवार शाम तक यह फैसला आ जाएगा की नगर कीर्तन की अगुवाई कौन करेगा. सीजीपीसी प्रधान गुरमुख सिंह मुखे की अध्यक्षता ही अगुवाई करेंगे या फिर अकाली दल या दोनों पक्षों की संयुक्त कमेटी. वैसे बता दें की अब तक का इतिहास रहा है की सीजीपीसी ही नगर कीर्तन निकालती रही है. इन दिनों सिख नेताओं की गुटबाजी में इस पर ग्रहण लग गया था. प्रधान पद के उम्मीदवार भगवान सिंह और मुखे का विरोधी गुट मांग कर रहा है की सीजीपीसी नगर कीर्तन नहीं निकाल सकती. इस विवाद के बीच ही तख्त साहेब पटना में झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के प्रधान गुरचरण सिंह बिल्ला पर फायरिंग का मामला उठ गया, जिसमें बिल्ला ने न्याय की गुहार लगाई है. इसी की सुनवाई के लिए जमशेदपुर से सिख नेताओं के गुट पटना पहुंच चुके हैं. दोनों पार्टियां वहां अपनी गोटी सेट करने में रही. दोनों ओर से ही फैसले को लेकर म्यान में तीर तैयार रखा गया है, बस निकलना ही बाकी है. तख्त साहेब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी इक़बाल सिंह इस पर निर्णय लेंगे. इन दो बातों पर ही आदेश आना है की मुखे नगर कीर्तन की अगुवाई करेंगे या फिर अकाली दल या दोनों गुटों के दो दो नेता. सबकी निगाहें कल के आने वाले फैसले पर टिकी हुई है.