जमशेदपुर। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पांच प्यारों के अधीन सीजीपीसी चुनाव समिति के कुछ सदस्यों पर साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उपाध्यक्ष सरदार जोगिंदर सिंह जोगी ने आरोप लगाया है कि वह किसी के इशारे पर जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में अड़चन डाल रहे हैं।
जब चुनाव से पहले ही पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ने तय कर दिया था कि तीनप्लेट एवं सीतारामडेरा गुरुद्वारा में चुनाव प्रक्रिया है और वहां से कोई सदस्य नहीं हो सकता है। फिर मनमानी कर उनके सदस्यों का नाम किस अधिकार के तहत लिया जा रहा है।
पूरा शहर जानता है सोनारी को लेकर भी विवाद है और ऐसे में 5 सदस्य समिति में शामिल सरदार तारा सिंह और सरदार गुरुदयाल सिंह को आपस में समझौता कर लेना चाहिए। अगर पहले नहीं किया तो अब समय बीत चुका है।
अब तारा सिंह और गुरुदयाल सिंह को चाहिए कि पांच प्यारों से मिले आदेश के तहत जल्दी से जल्द चुनाव करवाने का काम करें।
यदि बर्मामाइंस, संत कुटिया और हयुम पाइप तीन गुरुद्वारों का सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाना है तो मत ले। फिर इन टीनप्लेट, सीतारामडेरा और सोनारी तीन गुरुद्वारों से भी सीजीपीसी में कोई डेलीगेट नहीं होना चाहिए जहां चुनावी प्रक्रिया रुकी है या सवालों के घेरे में है।
वास्तव में यह सारा विवाद 2 सदस्य कर रहे हैं जिनका रिमोट कंट्रोल दूसरे के पास है।
दो सदस्य कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं और जानबूझकर संगत के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर रहे हैं। 29 दिसंबर को दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व है इसकी तैयारी भी होनी है लेकिन जानबूझकर मामले को उलझाया जा रहा है।
जब चारों उम्मीदवार चुनाव चाहते हैं और सुलह सफाई का समय खत्म हो चुका है फिर देरी क्यों की जा रही है। देरी कर किसे फायदा पहुंचाने की कोशिश है और किसे लड़ाने की कोशिश है।