जमशेदपुर : शहर में बुधवार को दक्षिण भारतीय लोगों ने पूरी श्रद्धा के साथ नागुला चवेथी के अवसर पर नाग देवता की पूजा की। दीपावली के चौथे दिन हुई इस पूजा में माताओं ने नाग देवता की पूजा कर बच्चों की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। परंपरा के अनुसार समाज के सदस्यों ने साप के बिलों में यह पूजा करते हैं। जिउतिया की तर्ज पर नागुला चवेथी की पूजा विवाहिताओं ने अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए की। इस अवसर पर शहर के कई जगहों पर नाग देवता की पूजा हुई।
सांप के बिल में पूजा करते श्रद्धालु
बताया जाता है कि महिलाऐं स्नानादि के बाद व्रत रखकर दूध, अंडा, पिसे चावल, गुड़, फल, फूल, कच्चा तिल और गुड़ के विशेष प्रसाद नाग देवता को चढाते है। पूजा स्थल और सर्प बिल के पास फूलों की रंगोली बनाई जाती है। मान्यता है कि नागुला चवेथी के दिन नाग देवता की पूजा से कान के दोष दूर हो जाते हैं। दर्द और बहरेपन से मुक्ति मिलती है। पूजा के बाद सर्प बिल के पास की मिट्टी घर ले जाई जाती है। दर्द और अन्य परेशानी में कान के पास यह मिट्टी लगाने से लाभ होता है।