जमशेदपुर : ओड़िशा मयूरभंज के पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने सोमवार को जिले के एसएसपी प्रभात कुमार को ज्ञापन सौंपकर जान-माल का खतरा उत्पन्न होने की आशंका जतायी है. उन्हें खतरा बैजू मुर्मू, सीआर माझी और करनडीह जाहेरथान के प्रबंधकों से है. इस मामले की जांच कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग सालखन मुर्मू ने की है.
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जारी किया गया है जान-माल को नुकसान पहुंचाने का फतरा
सालखन मुर्मू ने ज्ञापन में कहा है कि 5 अप्रैल को उनके खिलाफ करनडीह दिशोम जाहेर में बैठक कर मेरी जान-माल को नुकसान पहुंचाने का फतवा भी जारी किया गया है. यह मॉब लिंचिंग जैसा अपराध है. मैं 9 अप्रैल को ही शहर लौटा हूं. इसकी जानकारी उन्होंने अखबारों के माध्यम से मिली है. अगर बैजू मुर्मू और उनके समर्थकों पर कार्रवाई नहीं की गयी तो अनहोनी घटना घट सकती है.
2015 को सामाजिक बहिष्कार का फतवा जारी किया था
सालखन मुर्मू का कहना है कि बैजू मुर्मू और उनके समर्थकों ने 29 नवंबर 2015 को बैठक कर उन्हें दंडित करने और सामाजिक बहिष्कार करने का फतवा जारी किया था. इसके बाद सालखन ने परसुडीह थाने में बैजू मुर्मू व उनके समर्थकों के खिलाफ माला भी दर्ज करवाया था. सालखन का कहना है कि बैजू मुर्मू और उनके समर्थक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के नाम पर गुंडागर्दी चलाये हुये हैं. संविधान, कानून, मानव अधिकार और जनतंत्र को धत्ता बताते हैं. किसी पर भी जुर्माना लगाने और समाज बहिष्कार करने का काम करते हैं.
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