जमशेदपुर।
साकची गोलचक्कर मे, बी एस एस आर यूनियन के सदस्यों द्वारा एक नुक्कड़ सभा कर दवा के दाम कम करने और आम जनता के लिए स्वास्थ नीति बनाने एवम जीडीपी का 5% स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्ज के लिए केंद्र सरकार से मांग रखते हुए हस्ताक्षर अभीयान चलाया गया। पिछले कुछ वर्षों में आवश्यक दवाइयों के दाम मे लगातार वृद्धि हुई है। हमारा संगठन मांग करती आ रही है की जरूरत मंद और जीवन रक्षक दवा कर (टैक्स) मुक्त हो। वर्तमान में दवाओं में 3 स्लैब मे 5%, 12% और 18% GST लिया जाता है।
“दवाओं के मूल्य नियन्त्रण अधिनियम” और “आवश्यक दवाओं के राष्ट्रीय सूची” में लगातार परिवर्तन कर दवाई बनाने वाली निजी क्षेत्र के कंपनियो और कॉर्पोरेट को अधिक से अधिक मुनाफा कमाई का मौका दिया गया। दवा उद्योग मे 100% विदेशी पूंजी (FDI) होने के चलते मुनाफाखोरी और बड़ी है।
दवा और वैक्सीन बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र को खत्म होने से देश की आत्मनिर्भरता मे चोट पहुंचा है। दवा उद्योग में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल “सक्रिय दवा सामग्री” (Active pharmaceutical ingredients) का 70-80% बहार से आयात करना पड़ता है। खास करके जीवन रक्षक और एंटीबायोटिक बनाने के लिये कच्चा माल चीन से मंगाया जाता है। वैक्सीन के लिये भी हम निजी कंपनियो पर निर्भर है, जबकि एक समय सार्वजनिक कम्पनी उच्च गुणवत्ता वाली वैक्सीन बनाती थी।
सरकारी दवा कम्पनी को खत्म कर देश की आम जनता को मंहगी दवा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा हैं।
उपरोक्त गलत नीति के परिणामस्वरूप आज स्वास्थ देखभाल में खर्च, आम जनता और गरीब के पहुँच के बाहर है। विश्व स्वास्थ संस्था WHO का कहना है की 65% भारत की जनता स्वास्थ पर खर्चा बहन नही का सकती है । हम केंद्र सरकार से मांग करते है स्वास्थ मे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5% आबंटन किया जाय।
यह सारे मुद्दों को लेकर बी एस एस आर के मेम्बर द्वारा नुक्कड़ सभा और मांगो के समर्थन में हस्ताक्षर अभीयान चलाया गया। कुल 140 साथी भाग लिये और 700 हस्ताक्षर संग्रह किया गया है। सभा का अध्यक्षता सुब्रत बिस्वास ने किया और सीटू का जिला महामंत्री साथी बीस्वजीत देब ने संबोधित किया।
हमलोग पूरे देश में एक अभियान के तहत हस्ताक्षर अभियान चलाकर आम जनता को दवा उद्योगों में हो रहे मुनाफाखोरी और केंद्र सरकार के जनविरोधी दवा नीति को जनता के हित में लाने के मुहिम चलाई जा रही है।
जिसके पहले स्तर पर लोगों को हस्ताक्षर के माध्यम से जागरूक करना और जिला अधिकारी के मार्फत केंद्र सरकार को ज्ञापन सभी जिलों में देना है l और आगामी 22 अगस्त को राज्य सरकार को रैली के माध्यम से ज्ञापन एवम हस्ताक्षर सौंपा जाएगा।
आने वाले दिनों दिल्ली रैली कर केंद्र सरकार को इन मांगों को जनता के हित के लिए अजित कदम उठाने के लिए आग्रह किया जाएगा।