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JAMSHEDPUR : आनंद मार्ग के विश्व मंच पर सुनील आनंद एवं बेटी प्रियल आनंद जन सेवा के लिए श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत के हाथों हुये सम्मानित
जमशेदपुर : पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के आनंद नगर आनंद मार्ग मुख्यालय में आयोजित विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन में आनंद मार्ग के सुनील आनंद एवं उनकी बेटी प्रियल आनंद को राष्ट्रीय स्तर पर सेवा मूलक कार्यों के लिए विशेष पुरस्कार से श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत के हाथों सम्मानित किया गया.
7 बार सम्मानित हो चुके हैं सुनील आनंद
बता दें कि इससे पहले सुनील सात बार जनसेवा सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं. उन्हें 2017 में भी जनसेवा पुरस्कार, 2019 में जनसेवा पुरस्कार, 2020 में जनसेवा पुरस्कार, 1 जनवरी 2022 को चौथी बार जनसेवा, 1 जनवरी 2023 को पांचवीं बार जनसेवा, 5 जून 2023 को छठवीं बार जनसेवा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. वहीं, प्रियल आनंद पहली बार जनसेवा सम्मान से सम्मानित हुई हैं. सितंबर महीने में प्रियल आनंद 18 वर्ष होने पर पहली बार डेंगू के प्रभाव से जब शहर प्रभावित था, उस समय उन्होंने नॉर्मल प्लेट्लेट के लिए प्रथम बार रक्तदान किया था. उसके बाद वह पिता के साथ सेवा मूलक कार्यों के लिए हमेशा तत्परता से लगी रहती है. (नीचे भी पढ़ें)
प्रियल आनंद का वैश्विक महामारी कोरोना कल में भी भोजन वितरण कार्यक्रम में काफी सराहनीय योगदान रहा. आनंद मार्ग का विश्वस्तरीय धर्म महासम्मेलन आनंद मार्ग के हेड क्वार्टर, पुरुलिया जिले के आनंद नगर में आयोजित किया जाता है. इस धर्म महासम्मेलन में विभिन्न तरह के आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस विश्व मंच पर श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत के हाथों के सुनील आनंद को अध्यात्मिक भाव से जनसेवा के लिए जनसेवा पुरस्कार मिला चुका है. यह पुरस्कार पिछले 6 महीने के अर्धवार्षिक रिपोर्ट के आधार पर संस्था के विश्व स्तर पर जनसेवा के कार्यकलाप पर चयन कर दिया जाता है. पिछले 6 महीने के रक्तदान शिविर, मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं नव्य मानवतावादी सिद्धांत पर आधारित पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.