जमशेदपुर : बहुप्रतीक्षित बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना की वास्तविक स्थिति जानने के लिए बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सह भाजपा जिला मुख्यालय प्रभारी सुबोध झा ने शनिवार को गिद्धी झोपड़ी स्थित फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया. उनके साथ समिति के संयोजक विनोद राम, महिला मोर्चा संयोजिका पवित्रा पांडे, दीपक दागी, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह सहित कई सदस्य मौजूद थे.
टंकियों में आ चुकी है दरारें, संरचनाएं ध्वस्त
निरीक्षण के दौरान समिति ने पाया कि फिल्टर प्लांट में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं चल रहा है, मुख्य द्वार पर ताला लटका है, और निर्माण कार्य आधा-अधूरा पड़ा है. पानी टंकियों में दरारें पड़ चुकी हैं, कई जगहों पर संरचनाएं ध्वस्त होने की कगार पर हैं. बिजली उपकरण, ट्रांसफार्मर और अन्य मशीनें बाहर खुले में फेंकी गई हैं, जो खराब हो रही हैं. यहां तक कि फिल्टर प्लांट परिसर में जंगल और झाड़ियां उग आई हैं, जिससे परियोजना की बदहाली साफ झलकती है.
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करोड़ों खर्च होने के बावजूद नहीं मिला पानी
सुबोध झा ने कहा कि वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस योजना का शिलान्यास किया था और 2018 तक इसे पूरा किया जाना था, लेकिन 237.21 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद एक बूंद पानी भी जनता को नहीं मिल सका. समिति के संघर्ष के बाद झारखंड हाई कोर्ट और जल जीवन मिशन के माध्यम से 50.58 करोड़ की राशि पुनः स्वीकृत हुई, लेकिन निर्धारित तिथि 26 जुलाई 2024 तक भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ.
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