जमशेदपुर : जी हां. 2020 के पहले बनाए गए जन्म प्रमाण पत्र का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है. इसे औचित्य में लाने के लिए प्रमाण पत्र को ऑनलाइन कराना होगा. ऑनलाइन कराना भी आसान नहीं है. अगर इसे ऑनलाइन कराने की प्रक्रिया में भी जाते हैं तो कम-से-कम एक माह तक का समय लग सकता है.
पहले का बना हुआ जन्म प्रमाण पत्र अगर आपके पास है भी तो उसे ऑनलाइन करने के लिए चार पेज का फार्म अलग से भरना पड़ेगा. फार्म में कई तरह की जानकारियां मांगी गई है. इसे भरते-भरते लोगों के पसीने छूट रहे हैं.
अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं
झारखंड में ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र के लिए जो नियम कानून बनाया गया है उसकी आम लोगों को जानकारी तक नहीं है. अगर किसी को जानकारी भी मिल गई है तो क्राइटेरिया को पूरा करने में भारी परेशानी हो रही है
नहीं चलाया गया जागरूकता अभियान
इसको लेकर सरकार, जिला, प्रखंड, पंचायत, या बूथ स्तर पर जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया है. ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
मुखिया जी के बाद पंचायत सचिव करेंगे हस्ताक्षर
इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए पहले तो पंचायत के मुखिया जी अपना हस्ताक्षर और मुहर लगाएंगे. उसके बाद ही पंचायत सचिव के पास आवेदन हरी झंडी के लिए जाएगा.
शादी, उम्र व बच्चों का मांगी जा रही विस्तृत जानकारी
ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र के लिए जो फार्म में भरना है उसके अनुसार अपकी शादी कब हुई थी. शादी के समय पत्नी की उम्र कितनी थी. पहला बच्चा जब हुआ तब पत्नी की उम्र कितनी थी. इसी तरह से दूसरे और तीसरे की भी जानकारी मांगी गई है. किस अस्पताल में जन्म हुआ था. इन जानकारियों को जुटाने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं.