जमशेदपुर।
रंगरेटा महासभा के प्रधान मंजीत सिंह गिल के पिछले दिनों दिए गए बयान का विरोध बरकरार है. इसी कड़ी में गुरुवार को
रंगरेटा महासभा के ट्रस्टीगण सरदार दीदार सिंह, सरदार कुलवंत सिंह पहलवान, सरदार सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर, सरदार तरसेम सिंह ने संयुक्त रूप से महासचिव हरजिन्दर सिंह रिंकू की उपस्थिति में कैबिनेट के मुख्य पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक भालूबासा में की, जिसमें सभी ने एक स्वर में मंजीत सिंह की बयान की कड़ी निंदा की गई.
कहा गया कि प्रधान ने खुद ही समाज को अपमानित करने का काम किया है.
उनके कार्यकाल के आरंभ से ही उनके आर्थिक किर्याकलापों पर सवाल उठते रहे हैं. यही कारण है कि महासभा के बड़े वर्ग का विभाजन हो गया. एक राजनीतिक पार्टी को समर्थन का आरोप भी समाज की ज्यादातर संगत लगाती रही है और अब तो उन्होंने समाज को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. मंजीत ने कौम के अस्तित्व पर सवाल उठाया, उसे दिशाविहिन कहा. अब इनकी ये है मंशा है की समाज इनकी राजनीतिक दिशा पर चले. ये समाज की स्थापना के उद्देश्य से परे है. ट्रस्टियों ने कहा कि संस्थापक सदस्यों के साथ विश्वासघात किया गया है. महासचिव रिंकू ने भी मंजीत को स्वयंभु प्रधान बताया और कहा कि मंजीत के बयान से समाज को आघात हुआ है. इसके लिए वे क्षमाप्रार्थी हैं. बहुत जल्द ही आमसभा बुलाई जाएगी और लौहनगरी के तमाम रंगरेटा परिवार तथा संस्थापक सदस्यों की उपस्थिति में सामुहिक निर्णय लिया जाएगा. बैठक में मुख्य रूप से कुलदीप सिंह ज्ञानी, करमजीत सिंह कम्मे, तेजपाल सिंह, काले सिंह उपस्थित थे.