जमशेदपुर : झारखंडवासी एकता मंच की ओर से आज बिष्टुपुर गोपाल मैदान में भव्य टुसु मेला का आयोजन किया गया, जिसमें संभवत: दो से ढाई लाख लोगों ने शिरकत की. मेला में झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा उड़ीसा व पश्चिम बंगाल के करीब 170 टुसु व चौड़ल लेकर पहुंचे थे. इसमें सात लोगों को टुसु में, चार व्यक्ति को चौड़ल में तथा एक व्यक्ति को बुढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया गया. इस दौरान अतिथियों के रुप में सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, ईंचागढ़ की विधायक सबिता महतो, जुगसलाई विस के विधायक मंगल कालिंदी, सरायकेला की पूर्व पार्षद सारथी महतो, गम्हरिया की पार्षद स्नेहा महतो आदि मौजूद थीं. कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने की. इस दौरान बारीपादा (ओडि़सा) से आई लालचंद महतो एंड झुमर ग्रुप ने कई टुसु व झूमर गीत गाकर माहौल में चार चांद लगा दिया. कार्यक्रम में शुक्रवार रात्रि से ही टुसु लेकर लोग पहुंचना शुरु कर दिये थे. शनिवार सुबह होते ही टुसु व चौड़ल लेकर आनेवालों की बाढ़ आ गई. अतिथियों ने संयुक्त रुप से वहां देश व राज्य के आंदोलन में अहम योगदान देनेवालों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया व कार्यक्रम की शुरुआत की. वहां आयोजकों की ओर से एक तरफ रघुनाथ महतो, शहीद बिरसा मुंडा व सिदो-कान्हू की तस्वीर लगाई गई थी. दूसरी ओर शहीद निर्मल महतो, पूर्व सांसद स्व. सुनील महतो, राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. सुधीर महतो तथा ईंचागढ़ के पूर्व विधायक स्व. साधुचरण महतो की तस्वीर थी. कार्यक्रम के अंत में पूर्व सांसद स्व. साधुचरण महतो, मंच के सक्रिय कार्यकर्ता बाबू नाग सहित कोरोनाकाल में निधन होनेवाले मृतकों की आत्मा की शांति हेतु एक मिनट का मौन रखा.
कार्यक्रम में सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि खेती से नया फसल घरों तक पहुंचने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है और दैनिक जीवन में जो घटती है, उसे गीत के रुप में गाकर खुशी मनाते हैं. युवाओं से अपील की कि अपनी संस्कृति को न भुलें, क्योंकि इसीसे हमारी पहचान है और स्वयं को झारखंडी होने का एहसास होता है. इसलिये हमें यह संकल्प लेना होगा कि यह संस्कृति जो हमारे पूर्वजों की देन है, मर जाएंगे, लेकिन इसे मिटने नहीं देंगे. राजनीतिक मंच बेशक हमें बांटता है, लेकिन संस्कृति का मंच हमें नजदीक लाता है और एक दूसरे से जोड़ता है. कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया. मंच संचालन मंच के सह संयोजक फणीन्द्र महतो तथा श्रीनिवास राव ने किया. इसे सफल बनाने में सुखदेव महतो, कमल महतो, बोड़ाम के पूर्व पार्षद स्वपन महतो, विजय महतो, सुनील महतो, चंद्रावती महतो, चुनका मार्डी, डा. रोड़ेया सोरेन, सुदर्शन महतो, सपन महतो, जुगल किशोर मुखी, मनोज महतो, काबलू महतो, रवि मुंडा, संतोष महतो, अशोक महतो, जगदीश राव, ओपा सिंह, राजू बाबा, उमानाथ झा, गोपाल महतो सहित कई सदस्य सक्रिय रहे.
कभी खत्म न होने दें मेला का महत्व : आस्तिक
युवाओं से की अपील : वाहन धीरे चलाएं, हेलमेट पहनें
मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने कहा कि काफी जद्दोजेहद के बाद पूर्व सांसद स्व. सुनील महतो, स्व. सुधीर महतो आदि की पहल पर यह मेला बिष्टुपुर जैसे शहर के ह्रदयस्थली में शुरु हो पाया था. इसलिये नौजवानों से उन्होंने अपील की कि इसे कभी खत्म नहीं होने दें. कार्यक्रम के दौरान ही आस्तिक महतो ने वहां जुटे लोगों से अपने बच्चों को शिक्षित बनाने का आग्रह किया, ताकि वे इस दुनिया में डटकर परेशानियों का सामना कर सके. साथ ही कम उम्र के बच्चों से भी अपील की कि वे वाहन धीरे चलाएं और वाहन चलाते समय हेलमेट जरुर पहनें. क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें लेकर काफी सपने संजोये हुए होते हैं.
सांसद ने गाया मकर गीत
सांसद विद्युत वरण महतो ने अपने संबोधन के दौरान ही टुसु व झूमर गीत गाकर लोगों को मन मोह लिया. उन्हें आसछे मकर दु दिन सबुर कर, तुईं पीठा मुढ़ी जोगाड़ कर…गाया. वहीं मंच पर आकर स्व. निर्मल महतो के एक साथी भी आकर टुसु गीत प्रस्तुत किया.
पूर्व सांसद सुमन महतो तथा ईंचागढ़ की विधायक सबिता महतो ने भी लोगों से अपनी संस्कृति बचाये रखने की अपील की. कहा कि यही संस्कृति साबित करती है कि हम भले ही आधुनिकता की दौड़ में आगे चल रहे हों, पर अपनी संस्कृति कायम रखे हुए हैं.
झुमर ग्रुप में लोगों को झुमाया
मंच पर उड़ीसा के बारीपादा जिले से आई लालचंद महतो एंड ग्रुप की टीम ने लगातार कई टुसु व मकर गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया. इसमें गीत प्रस्तुत करनेवालों में मोंटी, कुनी, लिलि, अजय के नाम शामिल थे. एंकर की भूमिका सूरज ने निभाई.
इन्हें मिला पुरस्कार
टुसु प्रतिमा
प्रथम (31 हजार) : सुधांशु महतो – श्री श्री सार्वजनिक शिव पूजा समिति, सोसोमली, राजनगर
द्वितीय (25 हजार) : अजीत महतो – बहलदा टुसु कमिटी, उड़ीसा
तृतीय (20 हजार) : धनंजय महतो – मां मनसा पूजा कमिटी, पद्मासाईं राजनगर
चतुर्थ (15 हजार) : धनंजय महतो – आजाद बॉयज क्लब, चुनीडीह
पंचम (11 हजार) : दीपक महतो – मनपीटा, हुरलुंग
षष्टम (7 हजार) : दीपक महतो – धन्नीगोड़ा
अष्टम (5 हजार) : बिट्टू गोप – उलीडीह मानगो
चौड़ल का पुरस्कार
प्रथम (25 हजार) : झारखंड एचडी चौड़ल समिति, अडक़ी खूंटी
द्वितीय (20 हजार) : मदन मोहन मांझी, अडक़ी खूंटी
तृतीय (15 हजार) : लखीकांत महतो, तमाड़ रांची
चतुर्थ (11 हजार) : कुईयानी बोड़ाम
बुढ़ी गाड़ी नाच : मातला सोरेन (जोजोबेड़ा)