जमशेदपुर : झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ की प्रदेश कमेटी की बैठक महासचिव अमीन अहमद की अध्यक्षता में हुई, जिसमें झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापन में ऊर्दू, बंगला, ओड़िया एव संस्कृत को मातृ भाषा के प्रथम पत्र में शामिल नहीं किये जाने का विरोध किया गया. इस संदर्भ में निर्णय लिया गया कि राज्य के मुख्यमंत्री समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को मांग पत्र सौंप कर मामले से अवगत कराया जायेगा.
नियुक्ति विज्ञापन बड़ी त्रुटि : अमीन अहमद
महासचिव अमीन अहमद ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापन में मातृभाषा के चयन में बड़ी त्रुटि सामने आई है. परीक्षा के पत्र-1 में उर्दू, बंगला, संस्कृत एवं उड़िया को शामिल नहीं किया गया है. इससे विभिन्न प्रकार की कठिनाईयां आवेदकों के समक्ष उत्पन्न हो रही है. उपरोक्त चारों भाषाओं को मातृभाषा के तौर पर परीक्षा में रखने वाले विद्यार्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं.
सरकार से यह है मांग
बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि बिहार से प्राप्त 4401 उर्दू शिक्षकों (योजना मद) का पद प्राप्त हुए जिसमें अबतक झारखंड में वर्ष 2014 में जैक द्वारा कुल 689 उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति योजना मद में हुई, जो वर्तमान में गैर योजना मद में परिवर्तित हो चुका है. शेष रिक्ति 3712 पदों पर उर्दू शिक्षकों की बहाली अविलंब की जाए. वर्ष 2016 में भाषा शिक्षकों की नियुक्ति स्नातक प्रशिक्षित भाषा शिक्षक के पद पर की गई. जिसमें उर्दू शिक्षकों के लिए कोई अलग से पद स्वीकृत नहीं था, बल्कि जिनका इंटर में उर्दू और अंग्रेजी विषय था, वैसे चयनित शिक्षकों को उर्दू मध्य विद्यालयों में पोस्टिंग करने का आदेश जारी किया गया था. इसकी पुनरावृति नहीं की जाए. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 26 हजार सहायक आचार्य के पदों पर नियुक्ति करने का सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें पेपर- l में कुल 11 मातृभाषाओं को शामिल किया गया है, लेकिन इसमें उर्दू, संस्कृत, ओड़िया और बांग्ला को मातृभाषा के रूप में नहीं रखा गया है, जबकि मातृभाषा 100 अंकों का पेपर है. इसमें उत्तीर्ण होना आवश्यक है, इसलिए उर्दू सहित संस्कृत, बांग्ला एवं ओड़िया को भी पेपर -1 में शामिल किया जाए. पेपर-2 में उर्दू, संस्कृत, ओड़िया, बांग्ला को रखा गया है, ऐसे में जिनका मैट्रिक परीक्षा में उक्त विषय मातृभाषा के रूप में था, वे इस सहायक आचार्य के परीक्षा से वंचित रह जायेंगें.
टेट पास अभ्यर्थियों को लेकर लगती सुधार की मांग
इसी तरह नियुक्ति नियमावली 2012 के तहत पूर्व से टेट पास अभ्यर्थी सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति की अहर्ता रखते हैं और वे सहायक शिक्षक के पात्र हैं, यह उनके टेट प्रमाण पत्र में उल्लेखित है, जिनकी नियुक्ति वर्षों से लंबित है. ऐसे में टेट पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति किये बिना सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी करना असंवैधानिक है, क्योंकि जैक द्वारा टेट सफल उम्मीदवारों का 2016 के पश्चात अब तक नियुक्ति नहीं की गई है. इससे टेट पास अभ्यर्थी उक्त परीक्षा के योग्य नहीं होंगें. इस गलती को सुधारा जाए. नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2022 में सहायक शिक्षक के पद 4600 ग्रेड पे को खत्म कर सहायक आचार्य के पद 2400 ग्रेड पे में किये जाने की अधिसूचना जारी की गई है. जिसमें उर्दू शिक्षकों का एक भी पद घोषित नहीं किया गया है, इसलिए पूर्व के तरह दिये गये आरक्षण के तहत कुल रिक्ति के विरुद्ध 10 प्रतिशत पदों का आरक्षण उर्दू शिक्षकों के लिए किया जाय.
बैठक में ये हुए शामिल
बैठक में संघ अध्यक्ष अब्दुल माजिद, उपाध्यक्ष नाजिम अशरफ, साबिर अहमद, प्रदेश प्रवक्ता शहजाद अनवर, मकसूद जफर हादी, मो फखरूद्दीन, डॉ वकील रिजवी, गुलाम अहमद, शाहिद अनवर, जिला अध्यक्ष राकिम अहसन, एनामुल् हक, तौहीद आलम, मुफीद आलम, मो शहाबुद्दीन, डॉ इम्तियाज आलम, असदउज्जमा, शमीम अंसारी, अब्दुल गफ्फार, मो नसीमुद्दीन, मोशाहीदा अंजुम, आईरा नसीम, साकिर करीम, अब्दुल बारीक मुख्य रूप से शामिल हुए.
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