Home » Jamshedpur : बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री खामोश क्यों, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने उठाया सवाल, झारखंड हाईकोर्ट से संज्ञान लेकर कार्रवाई की अपील
Jamshedpur : बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री खामोश क्यों, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने उठाया सवाल, झारखंड हाईकोर्ट से संज्ञान लेकर कार्रवाई की अपील
जमशेदपुर : टाटा मुख्य अस्पताल में 25 बच्चों की इलाज के क्रम में मौत से मर्माहत शहर के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने सवाल उठाया है कि झारखंड के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं जिला प्रशासन इस मामले में मौन क्यों है? जो बच्चे देश के भविष्य होते हैं उनकी मौत को लेकर शहर के लोगों की संवेदनशीलता भी कहां है? उन्होंने रांची हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील की है कि वह इस बिंदु पर संज्ञान लेकर आगे की कार्रवाई करें, जिससे मौत का आंकड़ा थम जाए.
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने टाटा मुख्य अस्पताल प्रबंधन के रवैये पर भी इस मामले सवाल उठाया है. उनके अनुसार झारखंड सरकार को देश में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा दे रहे अस्पताल समूह को जमशेदपुर, रांची, धनबाद, बोकारो, डाल्टनगंज जैसे बड़े शहरों में शून्य राशि पर जमीन आवंटित करनी चाहिए. इससे वह जनहित के बढ़-चढ़कर कार्य कर सके और ऐसा नहीं होने पर सरकार भी कार्रवाई कर सके.
उन्होंने कहा कि शहर में तीसरा वोटिंग राइट भी नहीं है जिसके माध्यम से लोग अपनी इच्छा आकांक्षा और जरूरत को सामने रखकर दबाव बना सके और कल का भविष्य सुंदर गढ़ सकें. पड़ोसी राज्य बिहार के स्कूल के मध्यान भोजन में छिपकली गिरने का उदाहरण देते हुए अधिवक्ता सुधीर कुमार ने कहा कि वहां बच्चों की मौत की घटना सुन मुख्यमंत्री पहुंच गए और प्रधानमंत्री ने भी अपनी संवेदना जाहिर की थी. वहीं, जमशेदपुर में इतना कुछ हो गया, लेकिन जनप्रतिनिधि खामोश है. यह समझ से परे साबित हो रहा है.