जमशेदपुर : झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास को ओडिशा राज्य का राज्यपाल बनाए जाने के बाद सिर्फ जमशेदपुर की ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड की ही बयार बदल गई है. इस नई बयार में नेता अपने स्तर से अपनी पकड़ मजबूत करने और टिकट हासिल करने के लिए जुगत लगा रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी को झारखंड भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद लोकसभा और विधानसभा में चुनाव की रणनीति ही बदल गई है. इसके पहले तक दूसरी बयार चल रही थी.
लॉबिंग से पायदान चढ़ने की जुगत
भाजपा, कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी की बात करें तो सभी जगहों पर लॉबिंग ही चलती है. लॉबी ठीक है तो गड्ढ़े भी भर जाएंगे. अगर गड्ढ़े नहीं हैं और लॉबिंग भी नहीं है तब पायदान चढ़ने का मौका ही नहीं मिल पाता है.
नेताओं की लंबी है फेहरिस्त
झारखंड में भाजपा नेताओं की बात करें तो उनकी फेहरिस्त लंबी है. भले ही मजबूत पकड़ बनानेवाले नेताओं की केंद्र तक पहुंच नहीं है, लेकिन राज्य के आला नेताओं ने पैरवी की तो उनका आसानी से बेड़ा पार हो जाता है.
समय से बदली है राजनीति की गणित
राजनीति की बात करें तो कभी लालू प्रसाद यादव और शिबू सोरेन के नाम पर पार्टी के नेता चुनाव जीत जाते थे, लेकिन अब वैसा गणित नहीं रह गया है. समय के साथ पूरा गणित ही बदल चुका है. सिर्फ टिकट तय नहीं करता है कि आप पायदान चढ़ रहे हैं.