जमशेदपुर : बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल में प्रसव के चौथे दिन महिला की मौत होने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर दोषी डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जमकर हंगामा मचाया. वे एक करोड़ रुपये की मुआवजे की मांग कर रहे थे. इसे लेकर मृतका के परिजनों के हंगामे का दौर देर तक चला. इससे पूरे अस्पताल परिसर में गहमा-गहमी बनी रही.
यह है मामला
बताया जाता है कि बारीडीह गुरुद्वारा रोड के रहने वाले पीयूष अग्रवाल की 35 वर्षीय पत्नी श्वेता अग्रवाल को प्रसव के लिए 7 सितंबर को मर्सी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद 10 सितंबर को उसने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन तीन दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद चौथे दिन गुरुवार 14 सितंबर को उसकी मौत हो गई. उसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया.
परिजनों का यह है आरोप
महिला के पति पीयूष अग्रवाल का कहना है कि मर्सी अस्पताल की अनीता केरकेट्टा से वह अपनी पत्नी के डिलीवरी को लेकर इलाज और जांच करवा रहे थे. दो महीने में कई बार डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड एवं चेकअप की प्रक्रिया अलग-अलग संस्थानों से कराने को कहती थी. जांच में सब कुछ सही भी बताया जा रहा था, लेकिन अचानक चौथे अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर का कहना था कि बच्चे का ग्रोथ नहीं बढ़ रहा है. फिर उसने अन्य डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी का हिमोग्लोबिन कम है. उसका भी इलाज कराया गया. फिर 7 सितंबर को डिलीवरी को लेकर अनीता केरकेट्टा की देखरेख में पत्नी को मर्सी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उसने लड़की को जन्म दिया. बच्ची को जन्म देने के तीन दिनों तक उसकी स्थिति सामान्य होने की बात कह गुरुवार को डॉक्टर ने डिस्चार्ज कर देने की बात कही.
ऑक्सीजन सिलिंडर को लेकर भी उठे सवाल
इस पर परिवार वालों ने कहा कि श्वेता की तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है और वह खाना खाने में असमर्थ है. पेट में कुछ दर्द हो रहा है. इसकी जानकारी डॉक्टर को भी दी. लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया. अंततः अचानक शाम में उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी तो डॉक्टर उसे वार्ड से आईसीयू में लेकर गए और वहां ऑक्सीजन देने का प्रयास किया. लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर खाली था. इसके कारण कुछ देर बाद ही श्वेता की मौत हो गई.
अस्पताल प्रबंधन ने दी पुलिस को सूचना
इसे लेकर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन की ओर से सिदगोड़ा थाना को गई. यह देख परिवार वाले और भड़क गए और लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और नर्स पर कार्रवाई की मांग के साथ मुआवजे की मांग को लेकर जमकर हंगामा मचाया. इस बीच पुलिस ने परिवारवालों की लिखित शिकायत के आधार पर मामले की जांच करने की बात कही है. उसके बाद परिजन शांत हुए.