जमशेदपुर : BIRSANAGAR में बुधवार को दशमेश प्रकाश गुरुद्वारा में शिरोमणि शहीद बाबा जीवन सिंह जी का 316 वां शहीदी दिवस मनाया गया। मौके पर श्री अकाल तख्त के हैड ग्रंथी जत्थेदार मलकीत सिंह ने गरुओं की जीवनी पर प्रकाश डाला। आज युवाओं को गुरुओं के बताए मार्ग पर चलते हुए गुरु घर से जुड़े रहने की जरूरत है। सिख ही एक ऐसा धर्म है जिसमें महिलाओं को विशेषाधिकार प्राप्त है। इसी का परिणाम है कि महिलाएं भी पुरूषों के बराबर ही अमृतपान कर कृपाण धारण करती हैं। ऐसा किसी भी धर्म में देखने को नहीं मिलता है। .कविसर जसवीर सिंह मत्तेवाल ने श्री गुरुतेग बहादुर जी के वफादारी को अपने प्रवचन में बताया.। उन्होंने संगत को गुरु के प्रति सच्ची इमानदारी के बारे में जानकारी दी। समागम में झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह ने कहा कि कोल्हान में 34 गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और कई विंग हैं जो गुरू घर के लिए 24 घंटे समर्पित है। रंगरेटा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत गिल ने कहा कि जब से रंगरेटा महासभा का गठन हुआ है तब से बाबा जीवन सिंह जी के शहादत का इतिहास घर घर तक पहुंचा और बड़े पैमाने पर बाबा जी का समागम आयोजित हुआ। सीजीपीसी के प्रधान महेंद्र सिंह ने कहा कि इस तरह के आयोजन से युवा पीढ़ी को धर्म से जोड़ने में मदद मिलती है। संचालन महासचिव हरजिंदर सिंह रिंकू ने किया जबकि समागम को सफल बनाने में गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान दीप सिंह और उनकी कमेटी के पदाधिकारियों का विशेष योगदान रहा।
ये थे मौजूद
समागम में मुख्य रूप से सीजीपीसी के महासचिव जसबीर सिंह पदरी, हरभजन सिंह पप्पू, एसपी काले, गुरदीप सिंह काका, राजेंद्र सिंह तरसिक्का , सिंह, करतार सिंह,रंगरेटा महासभा के क्षेत्रीय प्रधान सुखदेव सिंह,करमजीत सिंह करमे,जगतार सिंह, अजीत सिंह, राजू सिंह, गुरमीत कौर, हरजिंदर कौर, रानी कौर, रज्जो गुरजीत कौर, चरणजीत कौर, रंजीत कौर सहित स्त्री सत्संग सभा की महिलाएं उपस्थित थीं।