जमशेदपुर:
जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर द्वारा न्याय सदन के कॉन्फ्रेंस हॉल मे शुक्रवार को संविधान की महत्ता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में व्यवहार न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी रंजय कुमार एवं डालसा सचिव नितीश नीलेश सांगा मुख्य रूप से मौजूद थे. मौके पर न्यायिक दंडाधिकारी रंजय कुमार ने अपने सम्बोधन मे कहा कि आज के वर्तमान युग मे प्रत्येक राज्य व देश के लिए संविधान का होना महत्वपूर्ण है. बिना संविधान के एक अच्छा प्रशासन व न्याय व्यबस्था स्थापित करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि संविधान एक बुनियादी नियमों और सिद्धांतों का समूह है जो किसी राज्य व देश का सर्वोच्च लिखित विधान है. कुमार ने कहा कि भारत गणराज्य का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को पुरे देश मे लागू हुआ. संविधान को निर्माण करने मे 2वर्ष 11महीने 18दिन का समय लगा था । संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर के 125 वें जयंती वर्ष में 26 नवंबर 2015 को भारत सरकार द्वारा पहली बार इस दिन को “संविधान दिवस” के तौर पर मनाना प्रारंभ किया गया. इसके पीछे जो मंशा थी वह यह थी कि इससे संविधान के महत्व व दर्शन का प्रसार व डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों एवं अवधारणाओं को आमजन तक पहुंचाने का कार्य आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को देश मे लागू हुए लगभग 72 वर्ष हो चुके हैं. इन सात दशकों की यात्रा में कई बदलाव हुए एवं कई अनुच्छेदों को व्याख्यायित किया गया. इसमें सर्वोच्च न्यायालय की भी महती भूमिका रही. यह दिवस हमें आत्मावलोकन का एक अवसर देता है, जिसमें हम विचार करें कि संविधान में निहित आदर्शों को हम कहां तक साकार कर पाए हैं. क्या “हम भारत के लोग” स्वतंत्रता, समानता – न्याय को पूरी तरह मूर्त रूप प्रदान कर पाए हैं ? हमें मूल अधिकार मिले हैं तो क्या हम अपने मूल कर्तव्यों के प्रति जागरूक होकर उनको अपना रहे हैं ? क्यों संविधान के प्रावधानों के बावजूद ‘हम भारत के लोग’ अपनी ही भाषा में न्याय प्राप्त नहीं कर सकते? ऐसे ही कुछ मूलभूत प्रश्नों पर हमें चिंतन भी करना होगा कि इन सात दशकों की यात्रा में संविधान के आदर्श किस सीमा तक लागू हो पाए हैं. वहीं कार्यशाला में डालसा सचिव नितीश नीलेश सांगा ने कहा कि विगत 26 नवंबर से 2 दिसम्बर तक चलने वाला संविधान जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम जिले के विभिन्न क्षेत्रों मे सघन रूप से चलाया गया. इसी कड़ी मे आज अंतिम दिन यह कार्यशाला आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि संविधान सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रमों के जरिए आमजन को संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों का निर्वहन करने की शपथ दिलवाने के साथ-साथ संविधान में दिए गए अधिकार व कर्तव्यों की विस्तृत जानकारी दी गई. इस कार्यशाला मे वरिष्ठ माध्यस्थ अधिवक्ता सहित काफी संख्या मे पैनल लॉयर्स मुख्य रूप शामिल थे.