Jamshedpur : जिलेभर के कायस्थ समाज के द्वारा शनिवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर कई स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित कर बड़े धूमधाम से भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की गई। कायस्थ समाज के लोगों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलम, दवात, कॉपी व पुस्तक की पूजा की। कई स्थानों में कायस्थ समाज ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना कर मनोवांछित फल की कामना की। पूजा के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।
ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए थे भगवान चित्रगुप्त
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला कलम दवात पूजा के नाम से विख्यात चित्रगुप्त पूजा के संबंध में वेद व पुरानों में भी जानकारियां मिलती है। लोगों का ऐसा मानना है कि मनुष्य की आत्मा मृत्यु उपरान्त जब यमराज के दरबार में जाती है तब वहीं उनके कर्मो का लेखा-जोखा होता है। भगवान चित्रगुप्त ही उनके कर्मो का लेखा-जोखा रखते हैं और जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त जीवों के सभी कर्मो को अपनी पुस्तक में लिखते रहते हैं। जब जीवात्मा मृत्यु के पश्चात यमराज के समक्ष पहुंचता है तो उनके कर्मो को एक-एक कर सुनाते हैं और उसी के अनुरूप उन्हें फल मिलता है। भगवान चित्रगुप्त के संबंध में कहा जाता है कि वे परम पिता ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं।