जामताड़ा।
हैलो, मैं बिजली विभाग का अधिकारी बोल रहा हूं, आपका बिजली का बिल बकाया है तुरंत जमा करिए, नहीं तो कनेक्शन काट दिया जाएगा। ऑफलाइन भुगतान बंद हो चुका है आपको ऑनलाइन भुगतान करना होगा। पहले दिए गए लिंक पर 10 रुपए का रिचार्ज करिए फिर पेमेंट किजिए। साइबर फ्रॉड के लिंक पर 10 रुपए का रिचार्ज करना मिहिजाम निवासी शिवदानी सिंह को भाड़ी पड़ गया। उनके दौ बैंक खाते से दो बार में 75 हजार रुपए की साइबर अपराधियों ने सोमवार को ठगी कर ली। मंगलवार को उन्होंने साइबर थाना जामताड़ा को इसकी सूचना दी और शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर जामताड़ा साइबर थाना पुलिस ने मामले का पटाक्षेप कर दिया और चार साइबर अपराधियों को धर दबोचा।
ऐसे ही मामला का खुलासा साइबर डीएसपी मंजरूल होदा ने बुधवार को साइबर थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया। डीएसपी ने बताया कि बिजली बिल जमा करने के नाम पर मिहिजाम के शिवदानी सिंह के खाते से साइबर अपराधियों ने ₹75000 उड़ा दिए। इसकी शिकायत मंगलवार को साइबर थाना में की गई। प्राथमिकी दर्ज करते ही पुलिस ने मोबाइल नंबर लोकेट कर लिया। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए डीएसपी के निर्देश पर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार पणजीकार की अगुवाई में टीम गठित की गई। जिसमें इंस्पेक्टर विश्वनाथ सिंह सहित पुलिस बल को शामिल किया गया था।
मोबाइल लोकेशन के आधार पर जामताड़ा साइबर थाना पुलिस की टीम ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सामूकपोखर गांव में छापेमारी की। जहां से चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है और उस नंबर को भी बरामद कर दिया गया है जिससे ठगी की घटना को अंजाम दिया गया था। चारों साइबर अपराधी सुजीत कुमार 22 वर्ष, आनंद मंडल उम्र 18 वर्ष, मुकेश कुमार मंडल उम्र 26 वर्ष तथा रितेश कुमार मंडल उम्र 20 वर्ष को साइबर अपराध करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। जबकि एक व्यक्ति प्रदीप मंडल घटनास्थल से भागने में सफल रहा। इस संबंध में इनके विरूद्ध जामताड़ा साईबर अपराध थाना में कांड संख्या 52/22 दर्ज किया गया है। इनके पास से 12 मोबाइल, 16 सिमकार्ड, एक पासबुक की बरामदगी हुई है। गिरफ्तार अभियुक्त को मेडिकल एवं कोविड-19 करवाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे मंडल कारा जामताड़ा भेज दिया गया है।
साइबर अपराधी मुकेश मंडल का है पुराना आपराधिक इतिहास:
गिरफ्तार साइबर अपराधी का पुराना आपराधिक इतिहस भी है। पूछताछ के दौरान उसने कबूला कि इससे पूर्व वह रांची में साइबर ठगी के मामले में जेल जा चुका है। जेल से छुटने के बाद वह फिर साइबर अपराध की दुनिया में लौट कर ठगी की घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया है। मुकेश स्नातक का छात्र भी है। इन लोगों ने बताया कि सबसे आसानी से बिजली बिल के नाम पर लोग ठगी का शिकार हो रहें है। इसके अलावे केवाईसी अपडेट करवाने के नाम पर भी ठगी की जाती है। वहीं पुलिस अन्य साइबर अपराधियों का भी पुराना इतिहास खंगालने में जुट गई है।
पहले दिया मैसेज फिर कॉल कर फंसाया:
साइबर अपराधियों ने मिहिजाम निवासी रिटायर्ड चिरेका कर्मी के पुत्र शिवदानी सिंह को पहले बिजली भुतान से संबंधित मैसेज दिया। एसके बाद कॉल कर मोबाइल पर लिंकभेजा और 10 रुपए का रिचार्ज करने को कहा। बताया गया कि ऑफलाइन बंद है इसलिए ऑनलाइन भुगतान करना होगा। जब उसने लिंक पर क्लिक किया तो पहले ट्रांजेक्शन फेल्ड बताया तो उसने दूसरे कार्ड को इस्तेमाल करने को कहा। सक्सेसनहीं होने पर तीसरी बार में 25 हजार रुपए डलवाया। जब शक हुआ तो उसने पूछताछ की जिसमें साइबर ठगो ने बंगाल बिजली विभाग का अधिकारी बताया। मामला समझते शिवदानी को देर नहीं लगी और उसने पैसा लौटाने को कहा। लेकिन तब तक इनके दौ बैंक खाते बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआइ से 75 हजार रुपए गायब हो चुके थे।