जामताड़ा।
पश्चिम बंगाल कैश कांड मामले में बीते 30 जुलाई को जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी सहित दो अन्य कांग्रेसी विधायक राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगारी की गिरफ्तारी 4900000 रुपए नगद के साथ हावड़ा के पंचला थाना क्षेत्र में हुई थी। भले ही उनके दामन पर पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगा लेकिन न्यायपालिका पर आज भी उन्हें पूरा भरोसा है। और इरफान अंसारी को विश्वास है कि उनके दामन पर लगा हुआ दाग जरूर धुलेगा। बता दें कि गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान विधायक की ओर से बताया गया कि वह राशि साड़ी खरीदने के लिए था। इसी दौरान झारखंड की राजधानी रांची में कांग्रेस विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की ओर से विधायकों की खरीद-फरोख्त और सरकार को अस्थिर करने से संबंधित एक मामला दर्ज करवाया गया। उक्त मामले के आधार पर कोलकाता के कोर्ट से तीनों विधायकों को सीआईडी की रिमांड पर दे दिया गया था।
समय के साथ उनकी मुश्किलें बढ़ती गई और सीआईडी की टीम ने उनके रांची और जामताड़ा स्थित आवास पर रेड किया था। हालांकि जामताड़ा आवास पर सीआईडी के हाथ कुछ नहीं लगा लेकिन रांची आवास से लगभग 5 लाख 74 हजार रुपए नगद बरामद हुए थे।
इधर विधायक की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय ने बुधवार को जमानत दे दिया था। लेकिन कागजी प्रक्रिया शनिवार को पूरी होने के बाद देर शाम वे जेल से बाहर निकले। विधायक ने कहा कि उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। उन्होंने खुद को कांग्रेसी बताया। विधायक इरफान ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है और उन्हें न्याय मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण के संदर्भ में कहा कि वे उसका जवाब देंगे और उन्हें पूरा भरोसा है कि इस मामले से वे बेदाग निकलेंगे। वहीं दूसरी ओर जामताड़ा में उनके जेल से छूट जाने के बाद समर्थकों में उत्साह दिखा। सुभाष चौक पर समर्थकों ने आतिशबाजी की। हालांकि इस दौरान जिलाध्यक्ष सहित कमेटी के अधिकांश लोग अनुपस्थिति रहे। समर्थकों में भले ही विधायक के जेल से छूट जाने से उत्साह बढ़ गया है, लेकिन उनके दामन पर जो सरकार को अस्थिर करने के एवज में पैसे लेने वाले आरोप का दाग लगा है उसे धोना विधायक इरफान अंसारी के लिए आसान नहीं होगा। उन्होंने इस संदर्भ में पार्टी को भी जवाब देने की बात कही है। विधायक ने यह भी कहा कि 1700000 रुपए उनका था जो वे 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर साड़ी वितरण के लिए खरीदने आए थे। कहा कि प्रत्येक वर्ष साड़ी, कंबल आदि की खरीदी कोलकाता से करते है। विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में साड़ी की खरीदारी करने के लिए वे कोलकाता आये थे। जहां उन्हें सुनियोजित साजिश के तहत फंसाया गया है।