जमशेदपुर : जिले के धालभूमगढ़ थाना क्षेत्र के कोकपाड़ा गांव के रहनेवाले झारखंड आंदोलनकारी अजीत कुमार साव ने सरकारी अफसरों और जनप्रतिनिधियों पर ही मनरेगा योजना में डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाते हुये जांच की मांग पर सोमवार को डीसी ऑफिस के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया. इस बीच उन्हें पुलिस ने बचा लिया और बिष्टूपुर थाने पर लेकर पहुंची. मौके पर पहुंचे वरीय अधिकारियों ने जांच का आश्वासन देकर आंदोलनकारी को शांत करवा दिया.
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कोकपाड़ा पंचायत में ही गड़बड़ी का लगाया आरोप
झारखंड आंदोलनकारी और 10 साल से आरटीआइ कार्यकर्ता का काम करनेवाले अजीत कुमार साव का कहना है कि उनका मकान कोकपाड़ा पंचायत में पड़ता है. उनके पंचायत में ही विकास कार्य सही तरीके से नहीं कराया जा रहा है. मनरेगा योजना में डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप बीडीओ, इंजीनियर और मुखिया पर लगाया है. आरोप लगाया कि उनके पंचायत में कई कार्यों को तो धरातल पर उतारा भी नहीं गया और कागज में विकास कार्य को पूरा कर दिया गया.
आंदोलनकारी पेंशन से चलता है पेट
अजीत ने बताया कि उन्हें 3500 रुपये झारखंड आंदोलनकारी के रूप में मासिक पेंशन मिला करता है. उसी से पेट चलता है. उनकी बेटी की शादी हो चुकी है. बेटा है नहीं. पत्नी की मौत पहले ही हो चुकी है. वे अकेले घर पर रहते हैं. उनका कहना है कि विकास कार्य में 90 प्रतिशत घोटाला किया जाता है. वे अपनी बातों को प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक भी रख चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. इस कारण से ही वे खुद को समाप्त करने के लिये सोमवार को डीसी ऑफिस पहुंचे थे.
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