रांची।
झारखंड के वित्तमंत्री डॉ रमेश्वर उरांव ने चौथी बार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए विधानसभा में बजट पेश किया। इस बार 1,16,418 का बजट पेश हुआ है। बजट पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट दलितों, गरीबों और आम वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। वर्ष 2023-24 में राजस्व व्यय के लिए 84 हजार 6 सौ 76 करोड़ रुपये प्रस्तावित है और पूंजीगत व्यय के अंतर्गत 31 हजार 7 सौ 42 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। बजट में सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 33 हजार 3 सौ 78 करोड़ 45 लाख रुपये, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 43 हजार 3 सौ 3 करोड़ 44 लाख रुपये तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 39 हजार सात सौ 36 करोड़ 11 लाख रुपये प्रस्तावित हैं।
बजट अभिभाषण के मुताबिक सरकार ने लगभग हर क्षेत्र को बजट आवंटित किया है। लेकिन सरकार का जोर स्थापना से ज्यादा योजनाओं पर है। राज्य सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर कृषि तक को फोकस करते हुए योजनाएं लागू करने को लेकर वजट फोकस किया है। इसके तहत सिंचाई व्यवस्था और जल संरक्षण के लिए पांच एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का मशीन से गाद हटाने और डीप बोरिंग कराने पर 500 करोड़ रुपये खर्च करने पर जोर दिया गया है। वहीं सौर ऊर्जा आधारित माइक्रोलिफ्ट ईरिगेशन के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू की जाएगी। कृषि क्षेत्र में पेस्टीसाइड तथा फर्टीलाइजर का उपयोग कम करते हुए जैविक खेती के प्रमोशन के लिए फसल सुरक्षा कार्यक्रम शुरू की जाएगी। ये योजनाएं बताती हैं कि 2023-24 का वर्ष योजनाओं के कृयान्वयन का होगा।
वित्त मंत्री ने बजट को सदन के पटल पर रखने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से बात करते हुए, बजट की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा किराज्य सरकार का रेवेन्यु लगातार बढ़ रहा हैं। साथ ही कहा कि विगत तीन वर्षों में स्थापना – व्यय में लगातार कमी आई है और योजना व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है । कुल व्यय में स्थापना एवं योजना व्यय का अनुपात देखा जाय तो यह वर्ष 2019-20 में 47:53 था , जो वर्ष 2022-23 में 43:57 रहना अनुमानित है तथा वर्ष 2023-24 में 39:61 प्रस्तावित है । यह इस बात को इंगित करता है कि वर्तमान सरकार स्थापना व्यय में लगातार कमी करते हुए राज्य के विकास कार्यों को अधिक तरजीह दे रही है ।
पूँजीगत परिव्यय में उत्तरोत्तर वृद्धि करने पर हमने बल दिया है । वर्ष 2021-22 में यह 10,789 करोड़ रुपये था , जो वर्ष 2022-23 में 18.017 करोड़ रुपये अनुमानित है । आगामी वर्ष 2023-24 में 25,317 करोड़ रुपये पूँजीगत परिव्यय का आकलन किया गया है ।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1.16,418 करोड़ रुपये का सकल बजट अनुमान ।
• राजस्व व्यय के लिए 84.676 करोड़ रुपये प्रस्तावित है तथा पूँजीगत व्यय अन्तर्गत 31.742 करोड़ रुपये । .
• सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 33,378.45 करोड़ रुपये , सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 43,303.44 करोड़ रुपये तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 39,736.11 करोड़ रुपये ।
• राज्य को अपने कर राजस्व से 30,860 करोड़ रुपये तथा गैर कर राजस्व से 17.259.44 करोड़ रुपये , केन्द्रीय सहायता से 16.438.42 करोड़ रुपये तथा केन्द्रीय करो में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 33,779.29 करोड़ रुपये , लोक ऋण से 18,000 करोड़ रुपये एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से 80.85 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे ।
• वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा 11.674.57 करोड़ रुपये होने का अनुमान है , जो कि अनुमानित GSDP का 2.76 प्रतिशत है ।
• वर्ष 2023-24 में राज्य के आर्थिक विकास दर वर्ष 2011-12 के Constant Price तथा Current Price पर 74 प्रतिशत तथा 11.00 प्रतिशत अनुमानित है ।
● किसानों को सिंचाई का लाभ प्रदान करने और जलटिकॉन से वर्ष 2023-24 में 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का मशीन से गाड हटाने तथा डीप बोरिंग इत्यादि योजना हेतु 500 करोड़ रुपये का प्रस्तावित है ।
• सौर ऊर्जा आधारित माइक्रोलिफ्ट ईरिगेशन सिंचाई की व्यवस्था को कारगर बनाने में काफी किफायती है । इसकी उपयोगिता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में कृषि समृद्धि योजना लागू की जायेगी ।
• FPOs को आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनाने हेतु इनको कार्यशील पूँजी सुलभ कराने तथा अन्य आर्थिक सहयोग के लिए नई योजना प्रारम्भ की जायेगी । वर्ष 2023-24 में FPOs के अनुदान मद में 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित है ।
• राज्य सरकार द्वारा मिलेट उत्पादन को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से झारखण्ड राज्य मिलेट मिशन प्रारम्भ किया जायेगा , जिसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है ।
वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत अधिक – से – अधिक लाभुकों को जोड़ने हेतु 300 करोड़ का बजटीय उपबंध किया गया है ।
• गिरिडीह एवं जमशेदपुर में नये डेयरी प्लांट तथा राँची में मिल्क पाउडर प्लांट एवं मिल्क प्रोडक्ट प्लांट की स्थापना हेतु 180 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है ।
• दुग्ध उत्पादकों को 1 रुपये प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि देने की योजना प्रारम्भ की थी , जिसे वर्ष 2022-23 में बढ़ाकर 2 रुपये किया गया । वर्ष 2023-24 में इसे 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये करने की घोषणा करता है।