Ranchi : सहकारी बैंक में चल रहा अनिश्चितकालीन महाधरना गुरूवार को आठवें दिन भी जारी रहा. इस बीच प्रबंधन का तानाशाही रवैया जारी हैं, जिसके कारण बैंकों का काम-काज करीब दस दिनों से प्रभावित हो रहा है. हालत यह है कि स्थानांतरण से हो रही परेशानी के कारण ज्यादातर कर्मी अवकाश पर जा रहे हैं. इन कर्मियों की मानसिक स्थिति भी असंतुलित हो रही है. वे मौजूदा स्थिति से हताहत हैं.
सरकार के रवैये से बढ़ी परेशानी
इन कर्मचारियों का कहना है कि सरकार राज्य इस महत्वपूर्ण संस्था को बचाने के लिए हस्तक्षेप नहीं कर रही है. इससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है. इसी को लेकर बैंक के कर्मचारी तबादले का विरोध करते हुए पिछले आठ दिनों से मुख्यालय में अनशन पर बैठे हुए हैं. इससे बैंक का कामकाज पूरी तरह ठप पड़ गया, जबकि बैंक का करोड़ों का लेनदेन प्रभावित है. इस बीच मुख्यालय में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ऑफिस न आकर घर से कामकाज कर रहे हैं.
यह है मुख्य मांग
1. स्थानांतरण नीति ( ट्रांसफर पॉलिसी) के बिना किसी प्रकार का स्थानांतरण नहीं किया जाए ,जिससे कर्मचारियों के मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े. अतः बैंक स्थानांतरण नीति स्वीकृत करते हुए ही स्थान्तरण किया जाए.
2. बैंक में कर्मचारियों के शहरी और ग्रामीण पदस्थापना में उनके वेतन भत्ता में आसमानता है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मचारियों के स्थापना होने पर वे प्रेरणाहीन हो जाते हैं एवं कार्य कुशलता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. अतः ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों को पे प्रोटेक्शन के तहत वेतन भत्ता को समान किया जाए और उसके पश्चात ही स्थान्तरण किया जाए.
3. बैंक में कर्मचारियों की नियुक्ति के पश्चात लंबे समय से एक भी प्रोन्नति नहीं की गई, जिससे कर्मचारियों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. अतः संघ मांग करती है कि कर्मचारियों के प्रोन्नति के पश्चात ही नियमित( रोटेशनल) स्थान्तरण किया जाए. अतः संघ मांग करती है कि अवैध स्थान्तरण को अविलम्ब रद्द करे.
महाधरना में ये रहे शामिल
महाधरना में संघ के अध्यक्ष अनिल पी पन्ना, महासचिव चंदन कुमार प्रसाद, संतोष कुमार साहू, अटल कुमार, तिलक देव, संजय कुमार, अविनाश कुमार, निखिल बंका, हीरा लाल राउत, आशीष कुमार, राजीव कुमार, मुकेश साव, रजत सिंह एवं अन्य लोग उपस्थित रहे.
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