Ranchi : महिलाओं और बच्चों के सुरक्षित पलायन को लेकर राजधानी रांची में मंगलवार को एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग, राज्य महिला आयोग के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाओं और बच्चियों के सुरक्षित पलायन और पुनर्वास पर चर्चा की गई. मौके पर राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार महिलाओं और बच्चियों के पलायन पर रोक लगाने को लेकर गंभीर है. साथ ही, सरकार इसके लिए हर संभव कोशिश कर रही है.
रोजगार से जोड़ने की पहल
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास से झारखंड में ही ऐसी व्यवस्था की जा रही है ताकि यहां की महिलाओं, युवाओं और लड़कियों को राज्य में रोजगार मिल सके. सावित्रीबाई फुले समृद्धि योजना के माध्यम से बच्चों को आर्थिक मदद दी जा रही है. ताकि वह पढ़ाई छोड़कर रोजगार के लिए पलायन न करें. इसके अलावा क्लास ब्रांड के माध्यम से ग्रामीण उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है.
सामाजिक भागीदारी पर जोर
इस मौके पर बाल कल्याण संघ के संजय मिश्रा ने कहा कि पलायन की समस्या पर रोकथाम के लिए सरकार के साथ समाज को भी आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड गठन के 23 वर्ष गुजर चुके हैं. बावजूद इसके आज भी पलायन यहां की एक बड़ी समस्या बनी हुई है. कई बार महानगरों से रेस्क्यू करके महिलाओं बच्चों और बच्चियों को झारखंड लाया जाता है, लेकिन उनके पुनर्वास की उचित व्यवस्था बेहद जरूरी है.