Ranchi : सिख फोरम कोलकाता, श्री गुरु सिंह सभा रांची मेन रोड और गुरु नानक हायर सेकेंडरी स्कूल रांची के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 53 वें गुरुमत सिखिया कैंप समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ. इसे संबोधित करते हुए सिख संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि आप लोग सिख धर्म के मूल आनंदपुर साहिब से हजारों किलोमीटर दूर झारखंड में सिखी का झंडा बुलंद रखे हुए हैं. यहां के सिख बधाई के पात्र हैं जो पंथ के रास्ते पर नई पीढ़ी को अग्रसर कर रहे हैं.
गुरु नानक देव जी के यात्राओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सिख धर्म कभी किसी धर्म का विरोधी नहीं है. सिख को निर्भय रहना है. जबरदस्ती एवं जुल्म का विरोध करना है. फिर केवल गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष झुकना है और गुरु और पंथ के मामले में किसी तरह का समझौता जीवन में नहीं करना है. (नीचे भी पढ़ें)
उनके अनुसार गुरु पर भरोसा रखना है, जीवन में कभी कमी नहीं होगी. उन्होंने गुरू अर्जन देव जी गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादे के बलिदान के साथ ही देश की आजादी एवं देश निर्माण में सिखों की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें कथनी नहीं बल्कि कर्म से महान बनना है.
उन्होंने यह भी बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी देश एवं दुनिया में किसी कोने में रहने वाले सिख की पहचान एवं धार्मिक आजादी की रक्षा करने के लिए काम करती है और गुरु सिंह सभा रांची ने कैंप का आयोजन कर हमसे भी अच्छा काम किया है. नई पीढ़ी को समृद्ध विरासत एवं इतिहास से जोड़ा है. उन्होंने एसजीपीसी की ओर से संस्था को ₹ एक लाख का उपहार भी भेंट किया.
इस कैंप में झारखंड बिहार एवं बंगाल से तकरीबन 400 बच्चे बच्चियां शामिल हुए. जिन्हें प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया. (नीचे भी पढ़ें)
इस कैंप को गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठी, सीजीपीसी अध्यक्ष भगवान सिंह अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, कोलकाता के जगमोहन सिंह, बोकारो के सुरेंद्र पाल सिंह कालरा, परमजीत सिंह रिंकू, कुलतार सिंह, हरजीत सिंह हन्नी आदि ने संबोधित किया.
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मठारू, गगनदीप सिंह सेठी, जमशेदपुर के पत्रकार एवं अधिवक्ता कुलविंदर सिंह, जत्थेदार कुलदीप सिंह सीजीपीसी के महासचिव अमरजीत सिंह, सेंट्रल सिख नौजवान सभा के पूर्व महासचिव दमनप्रीत सिंह, जसवंत सिंह रघुवीर सिंह सहित सैकड़ो बुद्धिजीवी शामिल हुए.