झारखंड : सूबे के लातेहार में जेजेएमपी नक्सली संगठन के दो नक्सलियों ने जिले के एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. इन नक्सलियों में चंदन साव और पप्पू साव शामिल हैं. दोनों छिपादोहर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. एसपी कुमार गौरव और सीआरपीएफ-11 बटालियन के कमांडेंट ने नक्सलियों को सम्मानित किया .दरअसल लातेहार पुलिस के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे निरंतर छापेमारी अभियान से नक्सली काफी कमजोर हो गए हैं. दूसरी बार पुलिस के द्वारा नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. पुलिस के द्वारा किए जा रहे आत्मसमर्पण नीति के प्रचार प्रसार और पूर्व में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलने वाले फायदे की जानकारी होने के बाद जेजेएमपी के नक्सली चंदन साव और पप्पू साव ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने की योजना बनाई. उसके बाद लातेहार पुलिस प्रशासन और सीआरपीएफ के अधिकारियों से संपर्क साधकर दोनों नक्सलियों के परिजनों ने उनके आत्मसमर्पण की बात कही. थाना प्रभारी और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने दोनों नक्सलियों को आत्मसमर्पण नीति के लाभ की जानकारी दी और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद मंगलवार को दोनों नक्सलियों ने लातेहार एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. (नीचे भी पढ़ें)
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलेगा पूरा सहयोग
इस संबंध में लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि दोनों नक्सलियों ने पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस के द्वारा सरकारी प्रावधान के तहत सभी प्रकार की मदद की जाएगी. एसपी ने बताया कि दोनों जेजेएमपी नक्सली संगठन में सदस्य के रूप में सक्रिय थे. इनके खिलाफ थाना में मामला भी दर्ज था. एसपी ने क्षेत्र में सक्रिय अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ लेकर मुख्य धारा में जुड़ जाए. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जिला प्रशासन लातेहार जिले को पूरी तरह नक्सली मुक्त बनाने के लिए कृत संकल्पित है.
आत्मसमर्पण करें नहीं तो मारे जाएंगे : कमांडेंट
दूसरी ओर, सीआरपीएफ-11 बटालियन के कमांडेंट राम बुनकर ने कहा कि नक्सलवाद और हिंसा का रास्ता हमेशा ही गलत होता है. जो लोग रास्ते से भटक गए हैं, वह वापस मुख्य धारा में लौट आएं और अपने परिवार जनों के साथ जीवन बिताएं. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को विभिन्न प्रकार की सुविधा दी जाती है. परंतु जो लोग नक्सलवाद के राह पर चलेंगे उन्हें गंभीर परिणाम भी भुगतना होगा.