रांची।झारखंड में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच यूपीए खेमा अपने विधायकों को एकजुट रखने में जुटा है। इसी क्रम में आज तड़के झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस तथा आरजेडी के सभी विधायकों को रांची से छत्तीसगढ़ शिफ्ट करने की तैयारी है। कई यूपीए विधायक छत्तीसगढ़ के लिए रवाना भी हो चुके हैं, वहीं शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे सीएम आवास में यूपीए विधायकों की बैठक भी बुलायी गयी है, इस बैठक के बाद अन्य शेष विधायकों और मंत्रियों को भी छत्तीसगढ़ भेजे जाने की तैयारी चल रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार के क्राइसिस मैनेजरों ने दो-तीन पहले ही इसकी तैयारी पूरी कर ली थी और कोलकाता की एक कंपनी से दो वोल्वो बस को बुक करा लिया गया था। वहीं सभी विधायकों को झारखंड से बाहर जाने की तैयारी करने का निर्देश दे दिया गया था। इस संबंध में कल सुबह से ही यह चर्चा जोरों पर थी कि जेएमएम-कांग्रेस विधायकों को झारखंड से बाहर ले जाया जाएगा। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर से लेकर विधायक दल के नेता आलमगीर आलम समेत अन्य नेताओं द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि सभी विधायक पूरी तरह से एकजुट है और किसी को बाहर ले जाने की कोई जरूरत नहीं है। परंतु पर्दे के पीछे से सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाने की तैयारी चल रही थी। इसकी पटकथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के 10 अगस्त को रांची दौरे के क्रम में भी तैयार कर ली गयी थी। देर रात 2 बजे से सरकार के संकट मोचकों ने यूपीए के सभी विधायकों के घर दस्तक देना शुरू किया और कई विधायकों को वोल्वो बस से छत्तीसगढ़ भेज दिया गया है। हालांकि कितने विधायकों को अभी छत्तीसगढ़ भेजा गया है और उन्हें किस रिसोर्ट में ठहराया गया है, इसकी सूचना अभी गुप्त रखी गयी है।
पूरी सतर्कता के साथ ऑपरेशन को दिया जा रहा है अंजाम
यूपीए विधायकों को झारखंड से छत्तीसगढ़ जाने के ऑपरेशन को हेमंत सोरेन के करीबी रणनीतिकारों द्वारा बड़े ही गोपनीय ढंग से अंजाम दिया जा रहा है। कई विधायकों को आधी रात में उनके घर से पिकअप किया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच बस में बैठाकर छत्तीसगढ़ ले जाया गया। खबर किसी तरह से लीक ना हो, इसे लेकर बस के चालक और अन्य कर्मियों का मोबाइल तक बंद करा दिया गया है।