जमशेदपुर : विभिन्न कुड़मी संगठनों ने समाज को एसटी का दर्जा देने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 20 सितंबर से झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के नौ रेलवे स्टेशनों पर अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम का ऐलान किया है. इसे देखते हुए रांची रेल मंडल ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है. वहीं कई ट्रेनों के रुट डाइवर्ट किए गए हैं. वहीं, इस रेल चक्का जाम को देखते हुए रेल प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. हर जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं.
जानें कौन-कौन सी ट्रेनें है रद्द
रक्सौल-सिकंदराबाद एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-धनबाद एक्सप्रेस, आनंद विहार-पुरी एक्सप्रेस, गोरखपुर-हटिया एक्सप्रेस, भागलपुर-रांची एक्सप्रेस, हावड़ा-हटिया एक्सप्रेस, हटिया-हावड़ा एक्सप्रेस और कामाख्या-रांची एक्सप्रेस.
इधर रेल चक्का जाम का रांची के अलावा टाटानगर रेलवे स्टेशन पर भी खासा प्रभाव देखने की आशंका जताई जा रही है. इसे लेकर भी रेल प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कई कदम उठाये हैं. ट्रेनों के परिचालन में रूकावट को देखते हुए यात्रियों को किसी तरह की परेशानी ना हो, इसके लिए रेल प्रबंधन ने टाटानगर रेलवे स्टेशन में हेल्प डेस्क बनाया है. क्योंकि रेल चक्का जाम की वजह से यहां से खुलने या गुजरनेवाली करीब 40 ट्रेनें सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है. इसी कारण रेल यात्रियों को परेशानी होने की आशंका जताई जा रही है.
आंवलाजुड़ी के लिए रवाना हुई आरपीएफ की टीम
दूसरी ओर रेल चक्का जाम को देखते हुए रेल पुलिस के साथ आरपीएफ को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है. टाटानगर आरपीएफ पोस्ट की जूरिडिक्शन एरिया आंवलाजुड़ी के लिए टाटानगर से 50 आरपीएफ पदाधिकारियों के अलावा जवान और महिला कांस्टेबल रवाना हुई है. आरपीएफ थाना प्रभारी एसके तिवारी ने बताया कि आवंलाजुड़ी उड़ीसा राज्य में पड़ता है. इसलिए वहां की लोकल पुलिस और बालेश्वर जीआरपी भी पूरी तरह से मुस्तैद है.
आरपीएफ के जवानों की ड्यूटी की टाइमिंग बढ़ी
वहीं, टाटानगर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि आरपीएफ पदाधिकारियों और जवानों की ड्यूटी की टाइमिंग बढ़ा दी गई है. कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा पदाधिकारी और जवान टाटानगर रेलवे स्टेशन में उपस्थिति दर्ज कराएं. ताकि चक्का जाम से उत्पन्न किसी विपरित परिस्थिति से निपटा जा सके.
पूर्व में भी हो चुका है रेल रोको आंदोलन
यहां बता दें कि कुड़मी समाज ओबीसी श्रेणी में आता हैं. पिछले कई वर्षों से केंद्र सरकार से मांग की जा रही है कि समाज के लोगों को एसटी (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा दिया जाए. अपनी इन मांगों को लेकर समाज का यह तीसरा रेल रोको आंदोलन है. इससे पहले वर्ष 2022 के 20 सितंबर और वर्ष 2023 के 5 अप्रैल को रेल रोको आंदोलन किया जा चुका है.