JHARKHAND POLITICS : झारखंड में भले ही झामुमो सबसे मजबूत पार्टी मानी जाती है लेकिन वर्तमान में झामुमो कठिन परिस्थितियों से गुजर रही है. एक तरफ हेमंत सोरेन जेल में हैं तो दूसरी तरफ शिबू सोरेन अस्वस्थ चल रहे हैं. शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई हैं. अब बच गई हैं कल्पना सोरेन. अब कल्पना सोरेन के कंधे पर ही पार्टी की दारोमदार है. कल्पना अपनी जिम्मेवारी संभालने से पीछे भी नहीं हट रही है.
कल्पना सोरेन अब पूरी तरह से राजनीति में अपना कदम रख चुकी है. वह दिल्ली में भी जाकर कांग्रेस पार्टी के एक बड़े कार्यक्रम में शिरकत कर चुकी हैं. अब चर्चा यह हो रही है कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन कितना परिवर्तन कर पाएंगी. हेमंत सोरेन की जगह ले पाना उनके लिए आसान नहीं होगा.
दुमका से 8 बार सांसद रहे हैं शिबू सोरेन
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बात करें तो वे दुमका लोकसभा सीट से 8 बार सांसद रह चुके हैं. 1980 में शिबू सोरेन ने पहली बार दुमका से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इस बार अस्वस्थ होने के कारण दुमका सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.
नलिन सोरेन को दुमका से टिकट
झामुमो की ओर से दुमका में 4 दशक के बाद शिबू सोरेन के बाद नलिन सोरेन को टिकट दिया गया है. नलिन सोरेन की बात करें तो वे रिश्ते में सीता सोरेन के चाचा लगते हैं. इसी तरह से गिरिडीह लोकसभा सीट से मथुरा महतो को टिकट दिया गया है.
गांडेय उप चुनाव से भाग्य आजमाएंगी कल्पना
कल्पना सोरेन को इस बार चंपाई सोरेन के स्थान पर गांडेय उप चुनाव जीताकर सीएम बनाने की योजना है. यहां से सरफराज अहमद विधायक थे, लेकिन हेमंत सोरेन ने जेल जाने के पहले ही सरफराज से इस्तीफा ले लिया था. झामुमो गांडेय सीट जितने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.