ASHOK KUMAR
JHARKHAND NEWS : सिंहभूम सीट से चुनाव लड़ने की योजना चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव ने कई साल पहले से ही बनाई थी. अब जबकि सुखराम और दशरथ गागराई पर आकर बातें टिकी हुई है तब सुखराम को लेकर चर्चा हो रही है कि क्या सुखराम की सिंहभूम में पूरी पकड़ है. अगर पकड़ होगी तब ही उन्हें झामुमो की ओर से प्रत्याशी बनाया जा सकता है.
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सीएम चंपाई सोरेन करेंगे फैसला
सिंहभूम सीट से सुखराम उरांव को टिकट मिलेगी या खरसावां विधायक दशरथ गागराई को. इसका फैसला सीएम चंपाई सोरेन के हाथ में छोड़ दिया गया है. चंपाई भी इसको लेकर अभी तक किसी तरह का फैसला नहीं कर सके हैं. वे दोनों को अपने तराजू में तौलने का काम कर रहे हैं. जो भारी होगा उसी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है.
कई हैं कतार में
विधायक सुखराम उरांव और विधायक दशरथ गागराई की बात छोड़ दें तो इसके अलावा भी कई दावेदार हैं जो कतार में खड़े हैं. इसमें चाईबासा विधायक दीपक बिरूवा, विधायक निरल पूर्ति, विधायक जोबा माझी आदि शामिल हैं.
गीता कोड़ा की काट खोज रही है झामुमो
कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने के बाद गीता कोड़ा की काट झामुमो खोज रही है. हालाकि अभी तक गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग का मसला साफ नहीं हो सका है. झामुमो अपने स्तर से इस तरह की कयास लगा रही है.
भाजपा-आजसू में भी रह चुके हैं सुखराम
चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव की बात करें तो उन्होंने 2004 में आजसू की टिकट पर सिंहभूम से लोकसभा चुनाव लड़ा था और 72 हजार वोट मिला था. 2013 में उन्होंने झामुमो छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. इसके बाद फिर वे झामुमो में शामिल हो गए. 2019 में उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता था.