जमशेदपुर : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा मंगलवार को जिला मुख्यालय के समक्ष सरना धर्म कोड की मान्यता की मांग को लेकर विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय निर्देश के तहत सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और नेता जिले के विभिन्न प्रखंडों से पहुंचे और एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध किया.
धरना में विधायक मंगल कालिंदी, विधायक समीर मोहंती, कुणाल सारंगी, सुमन महतो, मोहन कर्माकर, सागेन पूर्ति, सुनील महतो मीता समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक आदिवासी समुदाय को उनकी धार्मिक पहचान के रूप में सरना धर्म कोड को संवैधानिक मान्यता नहीं दी जाती, तब तक किसी भी कीमत पर जातीय जनगणना नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यह आदिवासी अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है.
धरना-प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ से जिला मुख्यालय का क्षेत्र झामुमो के नारों और बैनरों से पट गया. पारंपरिक परिधानों में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने सांस्कृतिक एकता और आदिवासी पहचान को भी मजबूती से प्रस्तुत किया. सभा स्थल पर सरना धर्म कोड के समर्थन में नारेबाज़ी होती रही. धरने के बाद झामुमो नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर सरना धर्म कोड की मान्यता और जातीय जनगणना के विरोध से संबंधित ज्ञापन सौंपा. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल शुरुआत है और अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.