जमशेदपुर।
टाटा ग्रुप के निदेशक रहे जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा को जेआरडी टाटा के नाम से जाना जाता है।
जे आर डी टाटा देश के पहले लाइसेंसी पायलट और देश में पहली कमर्शियल एयरलाइन की नींव रखने वाले उद्योगपति
थे।
जे आर डी टाटा ने सन 1925 में एक अवैतनिक प्रशिक्षु के रूप में टाटा एंड संस में कार्य प्रारंभ किया।
अपनी कड़ी मेहनत, दूरदृष्टि और लगन से वे सन 1938 में भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा एंड के चैयरमैन
बन गए।
जेआरडी टाटा स्टील (1938-1984) के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले चेयरमैन भी थे।
जे. आर. डी. टाटा का जन्म 29 जुलाई, 1904 को पेरिस में हुआ था।
वे अपने पिता रतनजी दादाभाई टाटा व माता सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान थे। उनके पिता रतनजी देश के अग्रणी उद्योगपति जमशेदजी टाटा के चचेरे भाई थे। उनकी माँ फ़्रांसीसी थीं इसलिए उनका ज़्यादातर बचपन वक़्त फ़्राँस में ही बीता, और फ़्रेंच उनकी पहली भाषा बन गयी। उन्होंने कैथेडरल और जॉन कोनोन स्कूल मुंबई से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की और उसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ‘कैंब्रिज विश्वविद्यालय’ चले गए। उन्होंने फ्रांसीसी सेना में एक वर्ष का अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण भी प्राप्त किया और सेना में कार्य करते रहना चाहते थे पर उनके पिता की इच्छा कुछ और थी इसलिए उन्हें सेना छोड़ना पड़ा।
कई सम्मान से नवाजें गए
जे आर डी टाटा को वर्ष 1957 में पद्म विभूषण और 1992 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया । उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत में जनसंख्या नियंत्रण में अहम योगदान देने के लिए उन्हें ‘यूनाइटेड नेशन पापुलेशन आवार्ड’ से सम्मानित किया। जेआरडी की विरासत उनके अद्वितीय नेतृत्व और उदार प्रबंधन शैली के कारण दुनिया भर में लाखों भारतीयों और युवाओं को प्रेरित करती रही है।
निधन
जे. आर. डी. टाटा का निधन गुर्दे में संक्रमण के कारण 29 नवम्बर, 1993 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैण्ड) में हो गया। उनकी मृत्यु पर उनके सम्मान में भारतीय संसद ने अपनी कार्यवाही स्थगित कर दी थी। मरणोपरांत उन्हें उनके जन्मस्थान पेरिस में दफ़नाया गया।
खेलों के प्रति जे आर डी टाटा को था लगाव
जे आर डी टाटा का खेलों के प्रति काफी लगाव था। उनकी हमेशा सोच थी कि भारत देश के लोग खेलों में कुछ अपनी पहचान बनाए,.इसी सोच को देखते हुए टाटा स्टील ने खेलों के विकास के लिए जमशेदपुर शहर के बीचों बीच बने जे आर डी टाटा स्पोर्टस के नाम से एक बड़ा स्पोर्टस कॉम्सलेक्स बनाया है। इस स्टेडियम में किक्रेट छोड़ कर सभी खेलो के लिए जगह दी गई हैं। खासकर फुटबॉल के लिए झारखंड में इससे बेहत्तक कोई स्टेडियम नहीं है। इस स्टेडियम में नामी गिरामी देश –विदेश के कई फुटबॉल प्लेयर अपना जलवा दिखा चुके है। फिलहाल इस स्टेडियम में आई एस एल सुपर लीग का आयोजन हो रहा हैं।