जमशेदपुर : परसूडीह बगानटोला के रहने वाले देवानंद बास्के ने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस कराटे की उसने ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी, वह कभी उसे नौकरी लगा देगा। यह सच है कि उसकी नौकरी लग गई है। सोमवार को वह रांची जाकर आरक्षी पद पर ड्यूटी करेगा। इस सूचना के बाद पूरा गांव में ही जश्न का माहौल है। लोग भी काफी खुश हैं और देवानंद को बधाई भी दे रहे हैं।
वर्ष 1992 में हो गई थी पिता की मृत्यु
देवानंद बास्के ने इनसाइड झारखंड के साथ बातचीत में बताया कि उनके पिता की मृत्यु वर्ष 1992 में हो गई थी। तब उसने ठीक से होश भी नहीं संभाला था। मां ने पाल-पोसकर बड़ा किया और इस लायक बनाया। उसने एलबीएसएम कॉलेज से वर्ष 2016 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी।
गोल्ड मेडल भी है देवानंद के नाम
देवानंद के नाम गोल्ड मेडल भी है। उसने यह खिताब मुंबई इंटरनेश्नल कराटे टुर्नामेंट में जीता था। इसके अलावा उसे वर्ष 2011 में कराटे उप-नेश्नल गेम में उसे ब्रांज भी मिला था। वह दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत कई राज्यों में अपने कराटे का जौहर दिखा चुका है।
वर्ष 2019 में दिया था सरकार को आवेदन
देवानंद ने बताया कि उसने वर्ष 2019 में सरकार को नौकरी के लिए आवेदन दिया था। इसका रिजल्ट फरवरी 2020 में आया था। प्रमाण-पत्र उसी महिने में रांची में बुलाकर दिया गया था।
कई बार रांची में जाकर दिया धरना
प्रमाण पत्र मिलने के बाद नौकरी के लिए नहीं बुलाए जाने पर कराटे संघ की ओर से कई बार रांची में जाकर धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम भी किया गया था। अचानक देवानंद को 19 मार्च को फोन आया कि उसे 22 मार्च को रांची जाकर आरक्षी के पद पर ड्यूटी ज्वाइन करनी है तो वह खुशी से उछल गया। लेटर तो उसे 17 मार्च को ही मिल गया था, लेकिन कब जाना इसकी जानकारी उसे 19 मार्च को रांची एसएसपी ऑफिस से दी गई थी।