सरायकेला : राज पैलेस में श्रीकलापीठ की ओर से एक खास कार्यक्रम पेश किया गया. इसमें कोरिया से आयी तीन सदस्यीय टीम शामिल हुई. इसमें दो पुरुष और एक महिला है. सरायकेला छऊ नृत्य को काफी नजदीक से जानने का प्रयास किया और इसपर उन्होंने शोध भी किया. श्रीकलापीठ के संरक्षक राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव की देख-रेख में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें ढोल, नगाड़ा, शहनाई व अन्य वाद्य यंत्रों का जुगाड़ किया गया.
छऊ के पांच नृत्यों की प्रस्तुति
लगभग डेढ़ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में सरायकेला छऊ के पांच नृत्यों को पेश किया गया. नृत्य को देखकर कोरिया यूनिवर्सिटी के कोरियन भाषाविद प्रोफेसर यंग हुक जोन, चो सुयोहु लोक कला संग्रहालय, कोरिया तथा पार्क सोहुवान् शोधकर्ता दंग रह गए. उनके साथ इंटरपीटर के रूप में सन्तोष गुप्ता शामिल थे.
इनकी प्रस्तुति
राधा-कृष्ण जिसके नर्तक रहे कई प्रसन्न षाड़ंगी एवं कपिल महतो, शबर में निवारण महतो, मयूर विजय सरदार, हंस प्रदीप बसा, चंद्रभागा तरूणभोल व काली प्रसन्न षाड़ंगी ने अद्वितीय पेशकश दी.