सरायकेला :जिले के आदित्यपुर में केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) की जमीन पर भू-माफियाओं की नजर है. श्रीडूंगरी से सटे एसटीपीआई के चहारदीवारी को भू माफिया जबरन तोड़कर अतिक्रमण का प्रयास कर रहे हैं. इसे देखने वाला कोई नहीं है. करीबन 8 वर्ष पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से झारखंड के तीन अलग-अलग जिलों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क का निर्माण कराया गया है. इसमें जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर, नियर 7 फेज के पास भी करोड़ों के लागत से सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया भवन का निर्माण कराया गया है. हालांकि यह सॉफ्टवेयर पार्क अबतक प्रारंभ नहीं हो सका है. बिल्डिंग और चारदीवारी निर्माण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इस बीच श्रीडूंगरी से सटे चहारदीवारी को कुछ भू-माफियाओं द्वारा दिन-दहाड़े ड्रिल मशीन के सहारे तोड़ा जा रहा है. चहारदीवारी तोड़ने वाले मजदूरों से पूछे जाने पर बताया गया कि स्थानीय किसी तरुण महतो नामक व्यक्ति द्वारा चहारदिवारी तोड़ने का काम करवाया जा रहा है.
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की चहारदीवारी जबरन तोड़े जाने के मामले को लेकर बिल्डिंग बनाने वाले एजेंसी के लोगों से जब बात की गई तो वे पूरे मामले पर अनजान बने रहे. बाद में पूछे जाने पर बिल्डिंग की देख-रेख का काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में श्रीडूंगरी के स्थानीय लोगों से एंट्री गेट, सड़क निर्माण व चहारदिवारी को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था. इसके बाद उस जमीन को छोड़कर घेराबंदी की गई है. जबकि एजेंसी के कर्मचारियों की मिली-भगत से पहले वहां टीना शेड से बनाए गए गोदाम को चहारदिवारी के अंदर घेर दिया गया जिसे अब तोड़कर मिलाया जा रहा है.
अधिकारियों ने कही कार्रवाई की बात
चहारदिवारी तोड़े जाने के मामले को लेकर एसटीपी के पूर्व निदेशक रहे सिद्धार्थ राय से जब दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि चहारदीवारी से सटे किसी भी जमीन को छोड़ा नहीं गया है. गेट के पास एक घर पूर्व में बनाए जाने के चलते जियाडा द्वारा उसे छोड़ दिया गया था. लेकिन वह मामला अभी लंबित है. पूर्व निदेशक ने बताया कि उनका तबादला हो चला है. लेकिन पूरे मामले को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा. ताकि समय पर अतिक्रमण को रोका जा सके. वहीं सरायकेला उपायुक्त व जियाडा के अधिकारी को भी मामले से अवगत करा दिया गया है.