चाईबासा : पूर्व सांसद सह पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव जांटा पहुंचा तो पूरा गांव गमगीन हो गया। मेडिकल गाइड-लाइन का पालन करते हुए पीपीई किट पहनकर कोरोना प्रोटोकोल के तहत परिजन उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। लक्ष्मण गिलुआ के बड़े बेटे अमित गिलुआ ने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। अमित खुद भी कोरोना का मरीज हैं और उसे प्रशासन से ले गयी विशेष इजाजत के बाद अंतिम संस्कार में लाया गया था। इस दौरान भाजपाई व उनके समर्थक भी जांटा गांव में मौजूद थे। सभी ने अपने दिवंगत नेता लक्ष्मण गिलुआ के जयकारे के नारे लगाए। लक्ष्मण गिलुआ के निधन के बाद सबसे पहले भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी संजय मिश्रा और भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष शमशेर सिंह समेत कई भाजपाई जमशेदपुर अस्पताल पहुंचे जहां से जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर पूर्व सांसद का पार्थिव शरीर को एंबुलेंस में लाकर उनके गाँव में अंतिम संस्कार किया गया। कोरोना के कारण लक्ष्मण गिलुआ के परिवार वाले ही नहीं बल्कि उनके समर्थक और कार्यकर्ता उनको अंतिम विदाई ठीक से नहीं दे पाए, जिसका मलाल सबको है।
शोक में डूबा चक्रधरपुर
पूरा चक्रधरपुर गुरूवार को शोक में डूबा रहा। सोशल मिडिया से लेकर हर तरफ गिलुआ के निधन की चर्चा रही थी। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था की कल तक उनके साथ रहे भाजपा के कद्दावर नेता आज पंचतत्व में विलीन हो गए। राजनीती के क्षेत्र में हमेशा दहाड़ने वाला नेता आज हमेशा के लिए खामोश हो गया। गिलुआ के छवि और उनके लोकप्रिय को इसी से समझा जा सकता है की आज विपक्ष भी लक्ष्मण गिलुआ के निधन से दुखी हैं।