पूर्वी सिंहभूम : सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन के तत्वावधान में पोटका प्रखंड के तेतला पंचायत के इंपीरियल रिसोर्ट में एक दिवसीय नेतृत्व विकास का प्रशिक्षण दिया गया. इसका संचालन गर्ल्स फर्स्ट फंड परियोजना की प्रोजेक्ट कॉ ऑर्डिनेटर ज्योति पिंगूवा ने किया. पीपल फॉर चेंज संस्था के सुमित और पुष्पा ने प्रशिक्षक का काम किया. किशोरियों को प्रशिक्षण दिया.
किशोरियों को बताया कि पितृ सत्ता क्या है और यह किशोरियों और महिलाओं को किस प्रकार प्रभावित करती है. कैसे लड़कियों और महिलाओं पर नियंत्रण किये जाते हैं. भाई छोटा हो तो भी उनका निर्णय को महत्व दिया जाता और कभी भी बाहर जाते हैं तो भाई को साथ भेज दिया जाता है. चाहे वो छोटा हो तो भी क्योंकि वो पुरुष है. पितृसत्ता सिर्फ लड़कियों को प्रभावित नहीं करता है पुरुषों को भी करता है. पुरुषों को जिम्मेदारी दी जाती है कि तुम्हे नौकरी करनी है. पुरुषों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने नहीं दिया जाता है. पितृसत्ता कहां से आया है. संस्कृति, परंपरा और सोच से आती है.
जेंडर क्या है
जेंडर क्या है समाज द्वारा दिया गया पहचान. अक्सर हमें भी पूछा जाता है कि डॉक्टर, हलवारी, ट्रक ड्राइवर और किसान में आप किसको देखते हैं. हमारा जवाब पुरुष रहता है. प्रशिक्षण में 30 किशोरियों ने भाग लिया.
शिविर में इनका रहा सहयोग
शिविर को सफल बनाने में युवा के कार्यकर्ता चांदमनी, रिला सरदार, अबंती सरदार और किरण सरदार ने सहयोग किया.