जमशेदपुर : करनडीह स्थित एलबीएसएम महाविद्यालय के वर्चुअल क्लास रूम में शनिवार को मनोविज्ञान विभाग के साइकोलॉजी क्लब के द्वारा पर्सनालिटी डेवलपमेंट और पर्सनल ग्रूमिंग पर व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ. सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें डॉ अशोक कुमार झा, मुख्य वक्ता डॉ वाजदा तबस्सुम (वर्कर्स कॉलेज, जमशेदपुर), कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रशांत, एवं प्रो प्रमिला किस्कू ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. प्राचार्य ने कार्यक्रम में आए सम्मानित अतिथि डॉ वाजदा तबस्सुम का स्वागत अंगवस्त्र, पुष्प गुच्छ और मोमेंटो भेंट कर किया. (नीचे भी पढ़ें)
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व्यक्तित्व विकास के बल पर छात्र बढ़ सकते है आगे
प्राचार्य ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि पर्सनालिटी डेवलपमेंट और पर्सनल ग्रूमिंग विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. इसके साथ ही उनके व्यक्तित्व का विकास इस प्रकार से होना चाहिए, जिससे वे बाहरी दुनिया और आज के बाजार की चुनौतियों के दबाव को सहन कर सकें. व्यक्तित्व विकास के बल पर छात्र न केवल करियर बल्कि निजी जीवन में भी आगे बढ़ने के योग्य बन सकते हैं. उन्होंने श्री जाम्बवन्त जी के द्वारा हनुमान् जी को उनका बल याद दिलाने की कहानी विद्यार्थियों को सुनाई. कहा कि व्यक्तित्व विकास हमारे पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
लैटिन भाषा से हुई पर्सनालिटी शब्द की उत्पत्ति
मुख्य वक्ता डॉ वाजदा तबस्सुम ने कहा कि व्यक्तित्व शब्द अंग्रेजी के “पर्सनालिटी” शब्द का हिंदी रूपांतर है. पर्सनालिटी शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ”परसोना” से हुई है. ‘परसोना’ शब्द का अर्थ मुखौटा को संदर्भित करता है जिसे एक कलाकार नाटक के समय मंच पर एक विशेष भूमिका निभाने के लिए पहनता है. लेकिन मास्क या पहनावे से इंसान की शख्सियत हकीकत से अलग हो जाती है. इस अर्थ में व्यक्तित्व को व्यक्ति के बाह्य गुणों के आधार पर समझा जाता है, परन्तु इससे व्यक्तित्व का वास्तविक अर्थ स्पष्ट नहीं होता. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार व्यक्ति का सम्पूर्ण संगठन, जो विकास की किसी अवस्था में होता है, व्यक्तित्व में सम्मिलित होता है. इसके अलावे उन्होंने पर्सनेल ग्रूमिंग पर भी बहुत सी बातों को छात्रों के साथ साझा किया.
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विशेषताओं को दर्शाता है व्यक्तित्व
कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रशांत ने कहा कि हमारा व्यक्तित्व हमारे संपूर्ण व्यवहार, प्रतिमान और उसकी विशेषताओं के योग को दर्शाता है. क्योंकि किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके केवल एक गुण के कारण नहीं बनता, बल्कि इसमें उसकी संपूर्ण छवियां जैसे-ज्ञान, अभिव्यक्ति, सहनशीलता, गंभीरता, प्रस्तुतीकरण आदि सहायक होती है. साइकोलॉजी क्लब के प्रथम सेमेस्टर की छात्रा भूमि मित्रा और छात्र सोनू कुमार ने मंच संचालन किया. वहीं प्रो विनोद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
काफी संख्या में लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ डीके मित्रा, प्रो विनोद कुमार, डॉ विनय कुमार गुप्ता, प्रो विजय प्रकाश, प्रो मोहन, डॉ प्रशान्त, डॉ सन्तोष, प्रो सलोनी रंजने, प्रो प्रमीला किस्कू, डॉ रानी तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी विनय कुमार व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.