जमशेदपुर
घाघीडीह जेल से होते हुए आदिवासी बहूल्य इलाके की झलकों को देखते हुए करीब 14 किमी दूर जिलिंगगोड़ा छठ घाट स्थित है. यह घाट खरकई नदी के किनारे बसा है. जो कि सरायकेला खरसावां के गम्हरिया थाना क्षेत्र में पड़ता है. छठ घाट तक जाने वाले पूरे रास्ते भर सिंगल रोड है. जब जिलिंगगोड़ा के करीब पहुंचे तो चार किमी मिट्टी की कच्ची सड़क से लोग छठ मई के गीत गुनगुनाते हुए घाट की ओर प्रस्थान कर रहे हैं. कच्ची सड़क के दोनों किनारे खेत हैं. दो-तीन ईंट के भट्ठे भी. शायद बालू का उठाव भी होता है, जिस कारण रास्ते में बालू का भंडारण गिरा हुआ था. सवा चार बजे जिलिंगगोड़ा पहुंचते हैं तो नदी के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ बैठी है. बढ़े बुजुर्ग, महिलाएं भगवान भास्कर की उपासना में लगे हैं. छोटे छोटे बच्चे पटाखे चला रहे हैं. ठीक 8 बजकर 8 मिनट पर अस्चलगामी भास्कर को अर्घ्य देने का दौर शुरु होता है. नदी में सूप लेकर महिलाएं अर्घ्य दे रही हैं. उनके परिजन भी पूरी आस्था में लीन दिखे. अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालु धीरे धीरे धार्मिक गीत गुनगुनाते हुए घाट से वापस होने लगते हैं.
बहुत सुंदर व्यवस्था है छठ घाट में, नजारा भी आकर्षित करने वाला: सुशील सिंह
जिलिंगगोड़ा छठ घाट में कीताडीह के सुशील कुमार सिंह मिले. उन्होंने कहा कि आज से करीब 17 साल पहले खासमहल के बीडी सिंह, बागबेड़ा लाल बिल्डिंग के विमलेश उपाध्याय और मैं सुशील सिंह पहली बार छठ पूजा में अपने परिवार के साथ खरकई नदी किनारे आए थे. दोनों वेला अर्घ्य की विधि पूरी की. उस वक्त पूरी जगह खाली होती थी. केवल एक ईंट भट्ठा था. शांत नजारा और वादियां अच्छी लगी. उसके बाद दो तीन साल लगातार आने के बाद और भी लोग यहां पूजा के लिए आने लगे. तब ईंट भट्ठा संचालक साहेब सिंह को अपील की गई कि श्रद्धालुओं के लिए लाइट की व्यवस्था जरुरी है. उन्होंने जेनरेटर लगाकर वह व्यवस्था कर दी. धीरे धीरे आसपास के लोगों की अच्छी संख्या घाट में जुटनी शुरु हो गई. आज भीड़ आपके सामने हैं. छठ घाट समिति भी श्रद्धालुओं की सेवा में हर साल तत्पर रहती है.
आठ सालों ने छठ समिति ने संभाली बागडौर
जिलिंगगोड़ा में छठ घाट समिति के सदस्य हर ओर सक्रिय थे. श्रद्धालुओं की गाड़ी पार्किंग कराने से लेकर जिस किसी भक्त को पूजन सामग्री की आवश्यकता है वह समिति मुहैया करवा रही थी. समिति के मंच पर कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद सिंह भक्तों की सुविधा को देखते हुए उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन कर रहे थे. गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार भी मंच से सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाए हुए थे. समिति के अध्यक्ष आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि आठ सालों से समिति यहां भक्तों की सेवा करती आ रही है. यह नौवां वर्ष है. आठ स्थानीय तैराकों की तैनाती सुनिश्चित की गई है ताकि अनहोनी होने पर तत्काल उनकी मदद ली जा सके. दो शौचालय, आठ ड्रेसिंग रूम अस्थाई तौर पर बनाए गए हैं. शाम को चाय नाश्ता और दिन में भक्तों के लिए खीर, गुगनी बांटा जाएगा. वाहन पार्किग की निशुल्क व्यवस्था भी की गई है. कुल मिलाकर जिलिंगगोड़ा छठ घाट का नजारा भक्तिमय था. समिति के सचिव सोनू मिश्रा, विष्णु सिंह, धनंजय सिंह, सतेंद्र दूबे, सुशील सिंह आदि भी भक्तों की सेवा में सक्रिय दिखे.