जमशेदपुर : पटमदा और बोड़ाम प्रखंड में श्रावण संक्रांति के अवसर पर मां मनसा की पूजा काफी धूमधाम से प्रत्येक घरों में पवित्रता के साथ मनाया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार मां मनसा को विषहरी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार ग्रामीण इलाकों में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग आस्था के साथ मां मनसा का पूजन विधि-विधान पूर्वक करते हैं। मां मनसा का पूजन श्रावण महीने में संक्रांति के अवसर पर मनाया जाता है। लोगों का मानना है कि मां मनसा के आशीर्वाद से किसी भी विष रहित जीव का प्रभाव हमारे जीवन में नहीं पड़ता है। उनके आशीर्वाद से किसी भी प्रकार की विपत्ति का समाधान हो जाता है। जिसमें पहले दिन घर के लोग नहा-धोकर घर की साफ-सफाई करते हुए माता का आवाहन करते हैं। दूसरे दिन उपवास रखकर रात में माता का घर में आगमन होता है ।इसमें पूजा-पाठ के उपरांत मन्नत के अनुसार लोग माता को प्रसाद चढ़ाते हैं ।मनसा पूजा के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बलि की प्रथा भी चली आ रही है ।किसी के घरों में बत्तख, कबूतर तो कोई बकरे की बलि चढ़ाते हैं। किसी घरों में तो लड्डू पकवान चढ़ा कर ही माता को संतुष्ट करते हैं। पारण के दिन बलि होने के उपरांत सभी के घरों में अतिथियों को आमंत्रित कर भोजन करवाया जाता है। त्योहार के बहाने सभी रिश्तेदार और मित्र एक दूसरे के घरों में जाकर खुशियां बांटते हैं।