जमशेदपुर : महुलडीह कुम्हारी विस्थापित प्रभावित कल्याण समिति महुलडीह की ओर से यूसील के महुलडीह माइंस गेट पर गांव के विस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया. इस बीच गांव के लोगों ने यूसील प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारे भी लगाए. प्रदर्शन के दौरान आंदोलन के नेतृत्वकर्ता चंद्राय बेसरा की ओर से यूसील प्रबंधन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके बाद माइंस गेट का अनिश्चित काल के लिए हुड़का जाम करने की भी चेतावनी दी गई है.
क्या हैं मांगें
मांगों में मुख्य रूप से एकेज के आधार विस्थापितों की अविलंब नियुक्ति करने, काम के दौरान मृत्यु होने अविलंब परिवार के सदस्य को बहाल करने, ठेका पर काम करने वाले मजगूरों को ठेका समाप्त होने के बाद भी काम पर रखने, एमएचडी से टीएमडी में कार्यरत मजदूरों के लिए आवागमन के लिए बस की व्यवस्था करने, प्रभावित गांव के कम-से-कम 40 बच्चों को निः शुल्क शिक्षा देने, प्रत्येक मौजा के श्मशान घाट के लिए अलग-अलग भूमि चिन्हित कर सुरक्षित करने, विस्थापितों की नियुक्ति के बाद अकुशल लोगों को भी काम पर जरूरत के हिसाब से प्राथमिकता देने, वंशावली/कुर्सीनामा आदि मांगों को बंद करने और 2007 के समझौता के आधार पर नियुक्ति करने की मांगें शामिल है.
अपने वायदे को पूरा नहीं कर रहा प्रबंधन
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे चंद्राय बेसरा ने कहा कि यूसील के महुलडीह प्रबंधन की ओर से शुरूआती दौर में जो वायदा किया गया था उससे प्रबंधन अब मुकर रहा है. पहले कहा गया था कि प्रत्येक साल गांव के 40 लोगों को नौकरी देगा. साथ में पाठ्य सामग्री और स्कूल ड्रेस के साथ-साथ स्टाइपेन देने पर भी सहमति बनी थी, लेकिन अब कुछ भी नहीं दिया जा रहा है.
आंदोलन में ये थे शामिल
आंदोलन में मुख्य रूप से चंद्राय बेसरा के अलावा सोमाय बेसरा, जुझार माझी, मधुसूदन मंडल, मानसिंह मार्डी मार्शल हांसदा, होपोन बेसरा, अरूण हो, जयदेव मंडल, खोगेन महृतो, रामराय मुर्मू, सुखदा बेसरा, सुभाष हेंब्रम सूरज टुडू, आकाश मार्डी, सुकमनी बेसरा, डोनी बेसरा, सारो बेसरा, चांपा टुडू, सोमवारी मुर्मू सोमारी मुर्मू, सीता बेसरा, सुमन बांड्रा, सुकु सोरेन, पूर्ति हो, रीमा मार्डी, लेदो मार्डी आदि शामिल थे.